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कैंसर की नकली दवा मामले में पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस संबंध में चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। अब तक कुल 12 को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है।

Cancer Fake Medicine Racket: कैंसर की नकली दवा केस में क्राइम ब्रांच ने चार और लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही मामले में पकड़े जा चुके लोगों की संख्या कुल 12 हो गई है। चारों आरोपी अलग-अलग अस्पताल में काम करते थे। इनके नाम रोहित सिंह बिष्ट, जितेन्द्र, माजिद खान और साजिद बताए गए हैं। इनके 14 खातों को फ्रीज करवाया गया है, जिनमें 92.81 लाख रुपये जमा थे।

पुलिस ने दी यह जानकारी

पुलिस के अनुसार, रोहित बिष्ट एक प्रतिष्ठित अस्पताल की कीमोथेरेपी यूनिट में डे केयर इंचार्ज के रूप में काम कर रहा था। वह पहले पकड़े जा चुके नीरज चौहान को कीट्रूडा और ओपीडीप्टा की शीशियां सप्लाई कर रहा था। वह मरीज की खुराक से दवा बचाता था। उसे कीट्रूडा के लिए 65 हजार और ओपीडीप्टा के लिए 35 हजार रुपये मिलते थे। इसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है। वह पिछले 10 वर्षों से अस्पताल में काम कर रहा है। इसे 13 मार्च को द्वारका इलाके से पकड़ा गया।

दूसरे को गुरुग्राम से पकड़ा

वहीं, दूसरा जितेंद्र वजीराबाद का रहने वाला है। वह गुरुग्राम के एक बड़े अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग की बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में कार्यरत था। वह नीरज को कीट्रुडा और ओपीडीप्टा की तीन भरी हुई शीशियां देने आया था, तभी उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। वह भी मरीज की खुराक से शीशियां बचा नीरज को बेचता था। उसे कीट्रुडा के लिए 60 हजार और ओपीडीप्टा के लिए 30 हजार दिए जाते थे। इसने करनाल से डी. फार्मा किया है। इसे भी 13 मार्च को गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया।

तीसरे को जयपुर से गिरफ्तार किया

तीसरा माजिद खान सितंबर 2023 तक गुरुग्राम के सेक्टर 55 में एक नामी अस्पताल की कीमो डे केयर यूनिट में वरिष्ठ स्टाफ नर्स के रूप में काम कर रहा था। हाल ही में वह पटना के एक अस्पताल से जुड़ा था। इसे गुरुवार को जयपुर से गिरफ्तार किया गया। इसके घर से तीन भरी हुई कीट्रूडा की शीशियां बरामद हुई। इसने खुलासा किया कि वह साजिद नामक व्यक्ति से खाली और भरी हुई शीशी लेता था। इसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और नीरज खाली शीशी और पैकेजिंग के लिए उसके पास जाता था।

चौथा साजिद भी गुरुग्राम के ही एक अन्य अस्पताल में ऑन्कोलॉजी विभाग में नर्सिंग स्टाफ के रूप में कार्यरत था। वह माजिद को कीट्रुडा और ओपीडीप्टा की आपूर्ति करता था। उसे 14 मार्च को उसके घर से पकड़ा गया और तलाशी लेने पर तीन खाली शीशियां और दो ओपीडीप्टा पैकेजिंग बरामद की गई। उसे भी मोटी रकम मिलती थी। इसके पास जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा है और वह पिछले पांच सालों से अस्पताल में काम कर रहा है। इस केस में अभी पुलिस की जांच जारी है। आने वाले दिनों में कुछ और लोग भी गिरफ्तार किये जा सकते हैं।

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