कांग्रेस का AAP पर हमला: देवेंद्र यादव बोले- केजरीवाल सरकार की लापरवाही से 600 पीयूसी सेंटर बंद, वाहनों का नहीं हो रही प्रदूषण जांच

PUC Certificate
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पीयूसी सेंटर
पीयूसी सर्टिफिकेट के शुल्क में बढ़ोतरी की मांग को लेकर दिल्ली में प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) देने वाले लगभग सेंटर बंद हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने आप सरकार को घेरा है।

PUC Testing Centre In Delhi: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र (PUC) देने वाले सेंटरों के बंद होने के मामले पर केजरीवाल सरकार को घेरा है। देवेंद्र ने कहा कि पूरी की पूरी केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नमूना है कि आज राजधानी में एक साथ 600 पीयूसी सेंटर बंद पड़े हैं, जिससे लाखों वाहन राजधानी में प्रदूषण फैलाने का कारण बन रहे हैं।

प्रदूषण समाप्त करने के लिए तैयार नहीं केजरीवाल सरकार- देवेंद्र

दिल्ली में 600 से अधिक पीयूसी सेंटर वाले पीयूसी सर्टिफिकेट के शुल्क में बढ़ोतरी की मांग कर रहे है, जबकि केजरीवाल सरकार प्रदूषण समाप्त करने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। इसका उदाहरण है कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले फंड 742.69 करोड़ में से सिर्फ 29 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है।

केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई, निर्माण, लोगों को राशन देने तक के पूरे फंड को पिछले 10 वर्षों में किसी भी वर्ष खर्च नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने स्वास्थ्य बजट में 11 प्रतिशत के साथ 1057 करोड़ की कटौती करके साबित कर दिया है कि वह दिल्ली में सरकार चलाने में असमर्थ है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से राजधानी में प्रदूषण कंट्रोल के सेन्टरों की चल रही हड़ताल को दिल्ली सरकार द्वारा अनदेखा करने के कारण लाखों वाहनों के प्रदूषण कंट्रोल के प्रमाण पत्र खत्म हो गए है, मुख्यतः प्रदूषण फैला रहे हैं।

PUC केंद्र संचालकों की ये मांग

PUC केंद्र संचालकों का कहना है कि केंद्र के संचालन का खर्च और कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी को देखते हुए मौजूदा बढ़ोतरी नाकाफी है, क्योंकि सरकार द्वारा 13 साल बाद 35 प्रतिशत तक की यह बढ़ोतरी करने का ऐलान हुआ है। उनका कहना है कि पीयूसी केंद्र के संचालन में खर्च कई गुना बढ़ गए हैं। ऐसे में पीयूसी जांच के लिए दाम और अधिक बढ़ाने चाहिए।

प्रदूषण जांच की दरों में वृद्धि की घोषणा

बता दें कि 11 जुलाई को सरकार ने दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अनुरोध पर वाहनों की प्रदूषण की जांच की दरों में वृद्धि की घोषणा की। यह शुल्क वृद्धि 2011 के बाद से नहीं की गई थी। परिवहन विभाग ने दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन द्वारा शुल्क वृद्धि करने के लगातार किए जा रहे अनुरोधों को स्वीकार करते हुए दरों में इजाफा किया है। प्रदूषण जांच की नई दरें सरकार द्वारा इसे अधिसूचित करने के बाद प्रभावी हो जाएंगी।

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