Kejriwal Pujari Granthi Samman Yojana: दिल्ली के पूर्व और आप सुप्रीमो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया है कि अगर उनकी सरकार दोबारा बनती है, तो मंदिर के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को हर महीने 18,000 रुपये सम्मान राशि दी जाएगी। इस घोषणा पर विपक्षी दलों ने सवाल उठाते हुए इसे चुनावी राजनीति करार दिया है।
Delhi: On Arvind Kejriwal announcement in a press conference that if his government is formed, temple priests and Granthis will receive 18,000 rupees each per month.
— IANS (@ians_india) December 30, 2024
Congress leader Sandeep Dikshit says, "They might have a plan, but the question is, why wasn’t it implemented… pic.twitter.com/0n3XoFaVce
संदीप दीक्षित: 'ऐलान में देरी क्यों?'
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने केजरीवाल की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे योजना बना सकते हैं, लेकिन सवाल यह है कि इसे पहले क्यों लागू नहीं किया गया? जब कोई सरकार दोबारा चुनाव के करीब होती है, तो नए सड़क, अस्पताल, स्कूल जैसी योजनाओं की घोषणा होती है। केवल भत्ते बढ़ाना सामान्य काम है। यह ऐलान सिर्फ चुनाव से पांच दिन पहले क्यों किया गया? दो-तीन महीने पहले क्यों नहीं? यह दर्शाता है कि वे अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता खो चुके हैं।
Delhi: On Arvind Kejriwal announcement in a press conference that if his government is formed, temple priests and Granthis will receive 18,000 rupees each per month.
— IANS (@ians_india) December 30, 2024
Union Minister Harsh Malhotra says, "They will now recall many others they have neglected over the past ten… pic.twitter.com/eFEk0D7sOI
हर्ष मल्होत्रा: 'एक समुदाय तक ही सीमित ध्यान'
केंद्रीय मंत्री हरश मल्होत्रा ने कहा कि अब उन्हें वे लोग याद आ रहे हैं, जिन्हें उन्होंने पिछले दस सालों में नजरअंदाज किया। पिछले दस साल से ये धार्मिक स्थलों पर काम करने वाले एक समुदाय के लोगों, यानी इमामों को वेतन दे रहे थे। उस वक्त उन्हें मंदिरों के पुजारी या गुरुद्वारों के ग्रंथियों का ख्याल क्यों नहीं आया? यह दिखाता है कि उनकी प्राथमिकता केवल एक विशेष समुदाय तक सीमित थी।
Delhi: On AAP Pujari Granthi Samman Yojana, Delhi BJP President Virendra Sachdeva says, "Since 2013, they have been paying salaries to the imams and maulvis of mosques. Why didn't they remember the priests and temple bell ringers then? The Bharatiya Janata Party has continuously… pic.twitter.com/nDt5ivPfxo
— IANS (@ians_india) December 30, 2024
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दिल्ली बीजेपी प्रमुख का हमला
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी इस घोषणा को चुनावी स्टंट बताते हुए कहा कि 2013 से वे मस्जिदों के इमामों और मौलवियों को वेतन दे रहे हैं। तब उन्हें मंदिर के पुजारियों और घंटी बजाने वालों की याद क्यों नहीं आई? बीजेपी ने हमेशा पुजारियों और उनके मुद्दों के लिए संघर्ष किया है। हमने कई बार अरविंद केजरीवाल के घर का घेराव भी किया है। यह ऐलान केवल वोट पाने की रणनीति है। जहां, अरविंद केजरीवाल की घोषणा को लेकर जहां आम जनता में मिली जुली प्रतिक्रिया है, वहीं विपक्ष इसे चुनाव से पहले किया गया एक राजनीतिक कदम बता रहा है। आगामी दिनों में देखना होगा कि यह योजना सरकार की वापसी में कितनी मददगार साबित होती है।
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