Sharjeel Imam: देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की जमानत पर दिल्ली की कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में 17 फरवरी को फैसला सुनाया जाएगा। गौरतलब है कि इमाम अपने कथित भड़काऊ भाषणों की वजह से देशद्रोह के आरोपों का सामना कर कर रहा है।
देशद्रोह मामले में शरजील इमाम की जमानत पर दिल्ली की एक अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले को लेकर अदालत 17 फरवरी को फैसला सुनाएगी। बता दें कि शरजील इमाम को सांप्रदायिक दंगा मामले में गिरफ्तार किया गया था। शरजील के खिलाफ दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने 2020 में FIR 22 के तहत मामला दर्ज किया था।
शरजील जनवरी 2020 से जेल में बंद हैं। शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 लगाई गई थी। दिल्ली पुलिस ने इमाम के खिलाफ आरोपपत्र में आरोप लगाया था कि उसने केंद्र सरकार के प्रति नफरत, अवमानना और असंतोष को भड़काने वाले भाषण दिए जिसके कारण दिसंबर 2019 में हिंसा हुई।
शरजील इमाम बिहार के जहानाबाद के काको का रहने वाला है। शरजील पूर्व जदयू नेता अकबर इमाम का बेटा है। शरजील इमाम को 2005 में जेडीयू से टिकट भी दिया था, लेकिन वह राजद के उम्मीदवार से हार गए थे।
हाई कोर्ट में दी जमानत याचिका
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले महीने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया था कि वह शरजील इमाम की जमानत याचिका पर फरवरी तक निस्तारण कर दे। शरजील ने हाई कोर्ट में यूएपीए की धारा 13 के तहत निर्धारित अधिकतम सात साल की सजा का आधा हिस्सा पूरा कर लेने के आधार पर जमानत की मांग की थी।
इमाम ने अपनी अपील में कहा था कि उसने न्यायिक हिरासत में तीन साल और छह महीने बिताए हैं और इसलिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए के तहत वैधानिक जमानत का हकदार होना चाहिए। वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि शरजील के खिलाफ सिर्फ एक अपराध नहीं है बल्कि कई अपराध दर्ज हैं।