Digital Arrests News: राजस्थान के नागौर जिले से एक व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर 19 वर्षीय युवती से 58,500 रुपये की ठगी की। आरोपी, यूसुफ खान, ने युवती को मनी लॉन्ड्रिंग के फर्जी मामले में 'डिजिटल अरेस्ट' में रखकर यह ठगी की।
कैसे हुई 58,500 रुपये की ठगी
दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस रवि कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वी कैलाश निवासी युवती ने अक्टूबर में एक 'डिजिटल अरेस्ट' के मामले की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसे पहले एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के मुख्यालय का अधिकारी बताया और सूचित किया कि उसके नाम से हैदराबाद के सुल्तान बाजार शाखा से क्रेडिट कार्ड जारी किया गया है।
इसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने फोन कर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। आरोपी ने युवती को बताया कि उसके नाम पर जारी SBI कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हो रहा है और उसे 'डिजिटल गिरफ्तारी' में रखा गया है। डर के कारण, युवती ने आरोपी के खाते में दो बार में 58,500 रुपये स्थानांतरित कर दिए।
राजस्थान के नागौर जिले में जांच और गिरफ्तारी
शिकायत मिलने के बाद, दक्षिण-पूर्व साइबर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर राज कुमार सिंह और एसीपी दिलीप सिंह के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया। अपर डीसीपी ऐश्वर्या शर्मा की देखरेख में इस मामले की जांच हुई। जांच के दौरान, पुलिस ने धनराशि को राजस्थान के नागौर जिले के आरएमजीबी बैंक में यूसुफ खान के खाते में ट्रेस किया। बैंक खाते और मोबाइल रिकॉर्ड की गहन जांच के बाद, पुलिस ने डिगाना में यूसुफ के घर पर छापा मारा। वहां से अपराध में इस्तेमाल किया गया फोन, बैंक पासबुक और चेकबुक जब्त की गई।
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आरोपी ने ठगी की बात कबूली
पूछताछ में, यूसुफ खान ने स्वीकार किया कि ठगी की धनराशि उसके खाते में जमा हुई थी, जिसे वह निकालकर अपने साथी सुरेंद्र को कमीशन के बदले सौंप देता था। पुलिस अब इस सिंडिकेट से जुड़े अन्य सदस्यों को ट्रैक करने और गिरफ्तार करने के लिए जांच जारी रखे हुए है।