Saurabh Bhardwaj Accused BJP: आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह को चुनाव आचार संहिता के नियम का उल्लंघन करने के जुर्म में 29 जून को उत्तर प्रदेश के एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है। इस दौरान उनसे पूछताछ की जाएगी। बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने संजय सिंह के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है, ऐसे में उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन इस कड़ी में AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने भी आचार संहिता नियम के उल्लंघन में बीजेपी के नेताओं पर आरोप जड़ दिया है।
'आचार संहिता के दौरान की वोटों के लिए मीटिंग'
संजय सिंह के खिलाफ सुल्तानपुर की एक कोर्ट ने जमानत वारंट जारी किया है। इस बीच सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है, जिसमें उन्होंने दक्षिण दिल्ली से चुनाव लड़े राम सिंह बिधूड़ी और दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार पर जमकर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि नरेश कुमार उस समय राम सिंह बिधूड़ी और अन्य बीजेपी नेताओं के साथ मीटिंग कर रहे थे, जब देश में आचार संहिता लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि यह जानकारी मुझे बीजेपी के पूर्व एमएलए भ्रम सिंह तवल से मिली, उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर इस मीटिंग की तस्वीर साझा की थी।
आचार संहिता के दौरान रामवीर सिंह बिधूड़ी और दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी द्वारा भ्रष्ट आचरण पर प्रेस वार्ता LIVE https://t.co/TYwPkrHCJt
— Aam Aadmi Party Delhi (@AAPDelhi) June 20, 2024
'काम करने के नाम पर आचार संहिता का बहाना'
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मैं जब-जब दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार से दिल्ली के किसी काम के सिलसिले में बात करना चाहता था, तो वह कहते थे कि आचार संहिता लगी हुई है। अस्पतालों के अंदर दवाइयों की कमी हुई, डॉक्टर्स की तनख्वाह रोकी गई, नाले सफाई पर मैंने रिपोर्ट मांगी, तो इन सभी का जवाब आता था कि आचार संहिता लगी हुई है। इस पर मैंने पूछा था कि आप आचार संहिता में मीटिंग कैसे कर रहे हैं, तो इस पर जवाब आया था कि यह किस नियम में लिखा है कि आचार संहिता के दौरान अधिकारियों से बातचीत नहीं कर सकते हैं।
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भारद्वाज ने समझाए आचार संहिता के नियम
सौरभ भारद्वाज ने आचार संहिता के सारे नियम समझाए और मुख्य सचिव नरेश कुमार को बताया है कि आप जो तथ्य दे रहे हैं, वह गलत है। उन्होंने कहा कि भारत की संविधान का सेक्शन 123 हमें बताता है कि चुनाव के दौरान क्या-क्या करप्ट प्रैक्टिस होता है। इस सेक्शन का सब सेक्शन 7 कहता है कि कोई भी सरकारी अधिकारी अगर किसी कैंडिडेट की मदद करता है, या कोई भी ऐसा आचरण करता है, जो वोटों को प्रभावित कर सकता है, तो वह भ्रष्ट आचरण कहलाएगा। भारद्वाज ने अपने बयान से साफ कर दिया है कि राम सिंह बिधूड़ी ने आचार संहिता के दौरान जो मीटिंग की उससे वोट प्रभावित हो रहे थे, इसलिए यह भ्रष्ट आचरण था, लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
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