Delhi AIIMS News: दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में कोहनी को जोड़ने के लिए स्वदेशी इंप्लांट लगाया जाएगा। इसे एम्स अस्पताल ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर तैयार किया है। एम्स में इस इंप्लांट का परीक्षण शवों पर किया जा चुका है। जल्द ही मरीजों पर भी इसका परीक्षण शुरू हो जाएगा। परीक्षण सफल होने के बाद इंप्लांट का इस्तेमाल अस्पताल में शुरू हो जाएगा।
कोहनी को जोड़ेगा स्वदेशी इंप्लांट
विशेषत्रों के मुताबिक, स्वदेशी इंप्लांट न केवल भारत के मरीजों की जरूरत के हिसाब से तैयार किया गया है बल्कि इसके दाम सस्ते और गुणवत्ता काफी बेहतर होगी। एम्स के स्पाइन सर्जन डॉ. भावुक गर्ग का कहना है कि एम्स ने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर कोहनी के प्रत्यारोपण में इस्तेमाल होने वाली स्वदेशी इंप्लांट तैयार किया है। इनका कैडेवरिक ट्रायल पूरा कर लिया गया है।
बता दें कि एम्स अस्पताल में हर महीने 10 मरीज ऐसे आते हैं, जिन्हे कोहनी के प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है। अभी इस प्रत्यारोपण के लिए कोहनी में जो इंप्लांट लगाया जाता है, वह विदेशों से मंगाया जाता है और काफी महंगा होता है।
एम्स अस्पताल के मरीजों को होगा फायदा
एम्स अस्पताल में कोहनी के अलावा घुटने और कूल्हे के प्रत्यारोपण के लिए सर्जरी होती है। एम्स डॉक्टरों के मुताबिक, देशभर में हर साल हजारों की इंप्लांट की जरूरत होती है। भारत के मरीजों को इससे न केवल फायदा होगा बल्कि मरीजों की रिकवरी और गुणवत्ता में भी सुधार होगा।