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Delhi AIIMS News: दिल्ली एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ और जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर चिकित्सा जगत में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले 17 वर्षीय लड़के के पेट से दो फालतू पैर हटाने के लिए एक जटिल ऑपरेशन किया गया, जिससे उसे एक नया जीवन मिला। यह भारत में पहली बार किया गया ऑपरेशन है और इसे मेडिकल साइंस में दुर्लभतम मामलों में से एक माना जा रहा है।  

क्या है 'पैरासाइट ट्विन' और क्यों था यह मामला अनोखा?

एम्स सर्जरी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. असुरी कृष्णा के अनुसार, इस स्थिति को 'इनकंप्लीट पैरासाइट ट्विन' कहा जाता है। यह तब होता है जब गर्भ में जुड़वां भ्रूण पूरी तरह विकसित नहीं हो पाते हैं, और एक भ्रूण दूसरे के शरीर से जुड़ा रह जाता है। इस प्रकार के मामलों में शरीर के किसी हिस्से में अविकसित जुड़वां भ्रूण के अंग मौजूद हो सकते हैं, जो बाद में जीवन में गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकते हैं।  

मेडिकल रिपोर्ट्स के मुताबिक, दुनिया भर में ऐसे केवल 40 मामले अब तक दर्ज किए गए हैं, और अधिकतर मामलों में यह समस्या शुरुआती बचपन में ही पता चल जाती है। लेकिन इस लड़के का मामला बेहद अनोखा था क्योंकि वह 17 साल की उम्र तक इस स्थिति के साथ रहा, और पहले उसे कहीं भी उचित इलाज नहीं मिला।  

सर्जरी की जटिल प्रक्रिया: AIIMS डॉक्टरों की टीम ने किया कमाल

जनवरी 2024 के आखिरी हफ्ते में, मरीज एम्स दिल्ली पहुंचा और डॉक्टरों ने उसकी स्थिति का गहन परीक्षण किया। चूंकि यह मामला बेहद दुर्लभ और जटिल था, इसलिए सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए एम्स के अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया। 8 फरवरी 2024 को डॉक्टरों ने दो घंटे की जटिल सर्जरी की, जिसमें लड़के के पेट से दो अतिरिक्त पैर और दो बड़े सिस्ट हटाए गए। 

डॉक्टरों ने बताया कि सिस्ट संयोग से अधूरे विकसित हुए दूसरे जुड़वां भ्रूण के अवशेष थे, जो शरीर के अंदर ही मौजूद थे। ऑपरेशन के बाद मरीज को 24 घंटे तक गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में निगरानी में रखा गया, ताकि किसी भी संभावित जटिलता से बचा जा सके। सर्जरी के चौथे दिन मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और उसकी सेहत अब पूरी तरह से ठीक है।  

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एम्स दिल्ली में पहली बार हुआ ऐसा ऑपरेशन

एम्स दिल्ली के डॉक्टरों ने इस ऑपरेशन को चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। डॉ. असुरी कृष्णा के अनुसार, यह पहली बार था जब एम्स दिल्ली में 'पैरासाइट ट्विन' का सफलतापूर्वक इलाज किया गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामलों में समय पर निदान और उचित चिकित्सा सहायता मिलना बहुत जरूरी होता है। इस लड़के के लिए यह सर्जरी जीवन बदलने वाली साबित हुई, क्योंकि इसने न केवल उसकी शारीरिक जटिलताओं को दूर किया, बल्कि उसे एक सामान्य जीवन जीने का अवसर भी दिया।

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