Logo
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद, एम्स दिल्ली में सुरक्षा बढ़ाने के लिए प्रमुख बिंदुओं पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) संचालित सीसीटीवी कैमरे सेटअप किए गए हैं।

Delhi AIIMS launch Digital Portal AI-Enabled CCTV Cameras: एम्स दिल्ली ने मरीजों की शिकायतों के समाधान के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। साथ ही, सुरक्षा को मजबूत करने के इरादे से एम्स परिसर में कुछ खास जगहों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह कदम कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई एक जघन्य अपराध घटना के बाद उठाया गया है। एम्स, दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने बताया कि प्रशासन ने अस्पताल में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने और प्रवेश-निकासी के रास्तों की निगरानी के लिए एआई-आधारित कैमरे स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की है।  

खास जगहों पर लगाए गए एआई-सक्षम कैमरे

डॉ. श्रीनिवास ने कहा कि हमने आरजी कर अस्पताल की घटना के बाद सुरक्षा में खामियों का विश्लेषण किया। शुरुआती चरण में, इमरजेंसी, मुख्य गेट और मदर एंड चाइल्ड ब्लॉक के प्रवेश और निकासी पर एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं। पायलट प्रोजेक्ट के सफल रहने के बाद इन कैमरों को पूरे एम्स परिसर में लागू किया जाएगा। 

इस तकनीक से होगी इललीगल एंट्री की पहचान

ये एआई-आधारित कैमरे Facial Recognition Technology से लैस हैं यानी किसी शख्स के चेहरे की खासियत को पहचानकर उसका डिजिटल नक्शा बनाती है, जिससे यह हर विजिटर की पहचान कर सकेंगे। यह सुरक्षा स्टाफ को बार-बार प्रवेश करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान करने में मदद करेगा और इललीगल एंट्री को कंट्रोल करेगा। आरजी कर अस्पताल घटना के दौरान सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ के आरोपों को देखते हुए एआई कैमरों में फुटेज से छेड़छाड़ की संभावना भी खत्म हो जाएगी।  

अक्टूबर में शुरू हुई फेशियल रिकग्निशन तकनीक

एम्स ने अक्टूबर में सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अपने वार्ड और आईसीयू में फेशियल रिकग्निशन सिस्टम भी शुरू किया था। यह तकनीक अस्पताल परिसर में बेहतर निगरानी सुनिश्चित कर रही है। वहीं, गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज और देखभाल को बेहतर बनाने के लिए एम्स, दिल्ली जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में एक नया क्रिटिकल केयर ब्लॉक स्थापित करेगा।  

डॉ. श्रीनिवास ने बताया कि इस नए ब्लॉक में 200 अतिरिक्त बेड होंगे, जिससे अस्पताल की क्षमता बढ़ जाएगी। यह ब्लॉक मौजूदा इमरजेंसी वार्ड का विस्तार होगा और इसे अगले दो वर्षों में तैयार करने की योजना है। उन्होंने बताया कि नए ब्लॉक में उन्नत चिकित्सा तकनीक उपलब्ध होगी, जो गंभीर और आपातकालीन मामलों के इलाज में सहायक होगी।  

ये भी पढ़ें: 100 बेड के साथ मिले 5 मॉडर्न ऑपरेशन थिएटर, सर्जरी के लिए नहीं करना होगा लंबा इंतजार

मौजूदा इमरजेंसी वार्ड का बोझ कम होगा

वर्तमान में इमरजेंसी वार्ड में 200 बेड हैं, जहां रोजाना औसतन 700-800 मरीज पहुंचते हैं। बेड की कमी के कारण कई मरीजों को भर्ती नहीं किया जा पाता और लंबी प्रतीक्षा सूची बन जाती है। डॉ. श्रीनिवास ने कहा कि 200 नए बेड जुड़ने से इमरजेंसी वार्ड का बोझ कम होगा और अधिक मरीजों को इलाज मिल सकेगा। इसके साथ ही एम्स, दिल्ली द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल अस्पताल परिसर में सुरक्षा बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि मरीजों के इलाज और देखभाल को बेहतर बनाने में भी सहायक साबित होंगे।

ये भी पढ़ें: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की हालत गंभीर, प्रियंका गांधी वाड्रा AIIMS पहुंचीं

jindal steel jindal logo
5379487