Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए गठबंधन में दरार नजर आने लगी है। बीते दिन केंद्रीय मंत्री और HAM पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया, तो वहीं अब भाजपा नीतीश कुमार की जदयू से किनारा करने के मूड में नजर आ रही है। खबरों की मानें, तो दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा जदयू संग गठबंधन करने के पक्ष में नहीं है।

जेडीयू के साथ गठबंधन नहीं करना चाहती भाजपा

कहा जा रहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रदेश यूनिट जेडीयू के साथ गठबंधन नहीं चाहती है। इसके लिए उन्होंने आलाकमान को भी अवगत करा दिया है। दिल्ली भाजपा जमीनी कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनाना चाहती है। ऐसे में अगर गठबंधन किया जाता है, तो उनके उम्मीदवारों को भी मैदान में उतारना पड़ेगा। दिल्ली की प्रदेश यूनिट ने ये फैसला 2020 के विधानसभा चुनावों का परिणाम देखते हुए लिया है। 

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क्यों गठबंधन नहीं करना चाहती प्रदेश भाजपा

पिछले चुनावों में भाजपा ने जदयू को सीमापुरी, बुराड़ी और किराड़ी तीन विधानसभा सीटें दी थीं और इन तीनों सीटों पर जदयू को करारी हार का सामना करना पड़ा था। इन तीनों सीटों पर आप ने जीत हासिल की थी। हालांकि इस मामले में आखिरी फैसला तो भाजपा आलाकमान को ही लेना है। अब तक जदयू का यही मन है कि वो भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े। हालांकि अगर भाजपा जदयू के साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ती है, तो एनडीए में खटपट के आसार बन सकते हैं। 

HAM अकेले लड़ेगी विधानसभा चुनाव

दूसरी तरफ बीते दिन केंद्रीय मंत्री और HAM पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। खबरों की मानें, तो HAM दिल्ली में अगले विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन भाजपा से सहमति नहीं बन पाने के कारण पार्टी ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया। ऐसे में अगर भाजपा दोनों ही पार्टियों की बात नहीं मानती है, तो इसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है। 

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