Delhi News: आतिशी ने मैदान गढ़ी में नए स्कूल ब्लॉक का किया उद्घाटन, कहा- शिक्षा क्रांति की मिसाल, जानें क्या-क्या है सुविधाएं

Delhi News: दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आज यानी बुधवार को मैदान गढ़ी के छतरपुर स्थित एक स्कूल के नए ब्लॉक का उद्घाटन किया है। इस उद्घाटन समारोह में स्कूल के शिक्षक, छात्र और उनके पैरेंट्स भी उपस्थित रहे। आतिशी ने स्कूल के नए ब्लॉक का उद्घाटन करते हुए बीजेपी पर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ा। आतिशी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने शिक्षा क्रांति लाने का काम किया है, यह स्कूल भी उसी का एक मिसाल है।
विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करेंगे छात्र- आतिशी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस उद्घाटन समारोह के दौरान आतिशी ने लोगों को संबोधित किया और इस नए स्कूल ब्लॉक की खासियत बताने के साथ-साथ बीजेपी पर जोरदार हमला भी बोला। आतिशी ने कहा कि जिस मैदान गढ़ी गांव में सड़क बनाने तक की जगह नहीं है, वहां केजरीवाल सरकार ने शानदार 4 मंजिला स्कूल बनाया है। कुछ वर्ष पहले की बात करें तो यहां टूटी हुई टिन के कक्षा में बच्चे बढ़ा करते थे, माता-पिता भी मजबूर होकर अपने बच्चों को पढ़ने भेजते थे। अब मैदान गढ़ी और उसके आस पास के बच्चे मुफ्त में इस स्कूल से विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे।
मैदानगढ़ी गांव में पुराने स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी। यह इतनी घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां सड़क बनाने के लिए जगह नहीं है, वहाँ आज हमने एक नए स्कूल भवन का उद्घाटन किया है।
— AAP (@AamAadmiParty) August 21, 2024
मुझे खुशी है कि जहाँ पहले एक क्लासरूम में 65 बच्चे पढ़ते थे, जहाँ लाइब्रेरी नहीं थी, जहाँ कोई… pic.twitter.com/dBbcRgrhJp
इस नए स्कूल ब्लॉक में क्या फैसिलिटी है
आतिशी ने बताया कि मैदान गढ़ी गांव में पुराने स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो चुकी थी। मुझे खुशी है कि जहां पहले एक क्लासरूम में 65 बच्चे पढ़ते थे, जहां लाइब्रेरी नहीं थी, जहां कोई Lab नहीं थी, वहां अब एक शानदार आधुनिक विश्वस्तरीय बिल्डिंग बनी है। इस 4 मंजिला नए ब्लॉक में 20 कमरे, आधुनिक लैब और लाइब्रेरी समेत कई अन्य वर्ल्ड क्लास सुविधाएं छात्रों के लिए हैं। आज हमने इस बिल्डिंग ब्लॉक का उद्घाटन किया है और अब जल्द ही एक नए शैक्षणिक ब्लॉक का शिलान्यास करेंगे।
'2015 में हुई शिक्षा क्रांति की शुरुआत'
आतिशी ने आगे कहा कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति की शुरुआत 2015 से हुई। उससे पहले दिल्ली के सरकारी स्कूल बदहाल थे। हर तरफ बदबू आती थी, स्कूल में शिक्षक नहीं होते थे, स्कूलों की बदहाली की वजह से बच्चे स्कूल नहीं आते थे। माता-पिता भी जर्जर भवनों में चल रहे स्कूलों में बच्चों को भेजने से बचते थे। दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था खस्ताहाल थी।
दिल्ली में गरीब परिवारों के बच्चे पहले अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते थे, लेकिन 2015 में दिल्ली में चमत्कार हुआ और अरविंद केजरीवाल दिल्ली के हाथ की लकीर बदलने वाले बन गए। केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों के हाथ की लकीर बदल दी। उन्होंने राज्य के बजट का 25 फीसदी हिस्सा शिक्षा के लिए दिया। दिल्ली पहला राज्य बना, जो बजट का इतना बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रहा है।
'शिक्षकों की ट्रेनिंग बजट को बढ़ाया गया'
आतिशी ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों की हालत सुधारने के साथ-साथ अध्यापकों को विदेशों में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। दिल्ली के सरकारी स्कूल के शिक्षकों को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और सिंगापुर में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। इसके अलावा आईआईएम अहमदाबाद में प्रिंसिपल को ट्रेनिंग के लिए भेजा गया। शिक्षकों की ट्रेनिंग का बजट 10 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए कर दिया गया है। केजरीवाल सरकार की शिक्षा क्रांति का असर दिल्ली में दिख रहा है। अब सरकारी स्कूलों में एडमिशन के लिए सिफारिश आती हैं।
आप नेता ने कहा कि दिल्ली में शिक्षा की तस्वीर बदल चुकी है। सरकारी स्कूलों के नतीजे प्राइवेट स्कूलों से बेहतर आ रहे हैं। पिछले 3 साल में 4 लाख से ज्यादा बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे अब JEE-NEET का परीक्षा भी क्लियर कर रहे हैं।
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