Delhi BJP blames AAP: दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली की तीनों बिजली कंपनियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "दिल्ली में तीन बिजली कंपनियां बिजली सप्लाई करती हैं और सभी कंपनियां एक ही स्रोत से बिजली लेती हैं और एक ही माध्यम से सप्लाई करती हैं। फिर ऐसा क्या कारण है कि एक कंपनी लाभ में है और दिल्ली सरकार को फायदा दे रही है, जबकि अन्य दो घाटे का दावा कर रही हैं? ये कंपनियां 21,000 करोड़ का घाटा बता रही हैं और 26,000 करोड़ सरकार को देना है, लेकिन सरकार उनसे यह राशि वसूल नहीं कर रही है।"

'सरकार का बिजली कंपनियों से मिलीभगत' – विपक्ष का आरोप

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार का बिजली कंपनियों के साथ मिलीभगत है। गुप्ता ने कहा, "एक ओर तो जनता से पीपीएसी यानी पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट वसूला जा रहा है, जबकि दूसरी ओर इन कंपनियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है। यह दिल्ली की जनता पर दोहरी मार है, और आम आदमी पार्टी सरकार इसमें शामिल है, लेकिन अब जवाबदेही से बचने की कोशिश कर रही है।"

टिकट बंटवारे में पैसे के लेन-देन का आरोप

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर टिकट बंटवारे में पैसे के लेन-देन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "दिल्ली के लोग, यहां तक कि आम आदमी पार्टी के समर्थक भी जानते हैं कि पार्टी में टिकट पैसे के बदले दिए जाते हैं। पार्टी छोड़ चुके सभी नेताओं ने इसके सबूत भी दिए हैं। अरविंद केजरीवाल को अपनी पार्टी के विधायकों की नकारात्मक छवि का पता है, और इसी कारण वह उन्हें टिकट देने से बच रहे हैं।"

AAP पर जवाबदेही से बचने का आरोप

बीजेपी ने आम आदमी पार्टी से सवाल किया है कि आखिर सरकार बिजली कंपनियों पर बकाया राशि वसूलने के बजाय पीपीएसी का बोझ जनता पर क्यों डाल रही है। बीजेपी का कहना है कि सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए और जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए। हालांकि, इन आरोपों पर अभी आम आदमी पार्टी की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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