Bus Marshal Controversy: राजधानी दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे को लेकर सियासी माहौल गरम है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। इस मामले को लेकर दिल्ली में आज दिनभर जमकर बवाल हुआ। दरअसल, बस मार्शलों की बहाली मुद्दे को लेकर दिल्ली सचिवालय में आज शनिवार को सीएम आतिशी ने अपने मंत्री और बीजेपी विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में कैबिनेट नोट पास किया गया और इसके बाद एलजी से मुलाकात करने सभी नेता पहुंचे।
बीजेपी विधायकों ने की सचिवालय से भागने की कोशिश- आप
दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी विधायकों पर सचिवालय से भागने का आरोप लगाया। आप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि बस मार्शलों की बहाली के मुद्दे को लेकर कैबिनेट नोट पास होने के बाद जब बीजेपी के विधायक सचिवालय से भागने में असफल हुए। एलजी साहब से मिलने जाने के दौरान बीच सड़क पर उन्होंने बीजेपी विधायक ने U-Turn लेने का प्रयास किया।
इस दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज और अन्य AAP विधायकों ने BJP विधायक विजेंद्र गुप्ता के मंसूबों पर पानी फेर दिया और उन्हें LG आवास पहुंचाया।
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पकड़े BJP विधायक के पैर
बस मार्शल्स को दोबारा से नौकरी पर रखने की मांग के साथ LG हाउस जाने के लिए दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़ लिए और सीएम आतिशी अपनी कार छोड़कर विजेंद्र गुप्ता की कार में बैठ गईं।
उपराज्यपाल ने नहीं दिया कोई जवाब- आप
दिल्ली सरकार ने इस मामले को लेकर एलजी पर निशाना साधा। AAP ने कहा कि सरकार के कैबिनेट प्रस्ताव के बाद भी उपराज्यपाल ने बस मार्शलों की बहाली को लेकर कोई जवाब नहीं दिया। इसको लेकर मंत्री सौरभ भारद्वाज समेत तमाम आप विधायक और बस मार्शल एलजी आवास के बाहर ही धरने पर बैठ गए।
मार्शलों की बददुआएं लगेंगी- सौरभ भारद्वाज
मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी विधायकों ने कहा कि आप कैबिनेट नोट पास कर दें, तो वो LG से बस मार्शलों को बहाल करवाएंगे। लेकिन, LG साहब ने कैबिनेट नोट पर साइन नहीं किए। इन्हें 10,000 बस मार्शलों की बददुआएं लगेंगी।
भाजपा वाले पास करवाएं प्रस्ताव- सीएम आतिशी
बसों में मार्शल होने से महिलाएं सुरक्षित महसूस करती थीं। उन्हें लगता था कि अगर उनके साथ कोई गलत व्यवहार करेगा, तो बचाने के लिए बस मार्शल मौजूद है। पर भाजपा वालों ने गंदी राजनीति करी और 10,000 बस मार्शलों को उनकी नौकरी से हटा दिया। आज महिलाएं असुरक्षित हैं और 10,000 बस मार्शल सड़क पर हैं। दिल्ली सरकार के कैबिनेट ने बस मार्शलों की बहाली का फैसला लिया। अब भाजपा वालों से उम्मीद करते हैं कि वे इस फैसले को पास करवा दें, ताकि दिल्ली की महिलाएं बसों में सुरक्षित रहें।