Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज रविवार को दो दिन में इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैं दो दिन बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दूंगा। बता दें कि अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा देने से पुराना नाता रहा है। उन्होंने पहले नौकरी से इस्तीफा दिया फिर राजनीति में कदम रखा और एक बार मुख्यमंत्री पद से भी इस्तीफा दे चुके हैं। आपको बताते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने कब-कब इस्तीफा दिया और कैसा रहा उनका सियासी सफर...
अरविंद केजरीवाल ने किया इस्तीफे का ऐलान
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सभी को चौंका दिया। आज रविवार को उन्होंने दो दिन में इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जनता अपना फैसला नहीं सुना देती है तब तक वह मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहेंगे। ऐसा पहली बार नहीं है जब अचानक इस तरह का ऐलान करके चौंकाया हो, इससे पहले भी वह ऐसा कर चुके हैं।
2014 में 49 दिन में छोड़ा था मुख्यमंत्री पद
अरविंद केजरीवाल ने 2 अक्टूबर, 2012 में अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत की थी। उन्होंने टोपी पर लिखवाया 'मैं आम आदमी हूं' और अपने राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी का दृष्टिकोण पत्र भी जारी किया। इसके बाद 2013 में विधानसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान आम आदमी पार्टी को 28 और कांग्रेस को 8 सीटें मिलीं। अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनते हुए सरकार अपनी बनाई।
इस दौरान कांग्रेस-आम आदमी पार्टी का गठबंधन टूट गया और 49 दिन बाद अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री पद छोड़ते हुए उन्होंने कहा कि वह जनलोकपाल बिल नहीं पास करा पाए इसलिए वह इस्तीफा दे रहे हैं। इसके बाद फिर विधानसभा चुनाव हुए और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पूर्ण बहुमत हासिल किया और वह फिर मुख्यमंत्री बने।
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2006 में छोड़ी आईआरएस की नौकरी
अरविंद केजरीवाल साल 1992 में भारतीय राजस्व सेवा (IRS) बने और उन्हें दिल्ली में आयकर आयुक्त कार्यालय में नियुक्त किया गया। अरविंद ने आयकर कार्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद जनवरी 2000 में उन्होंने काम से विश्राम ले लिया और दिल्ली में परिवर्तन संस्था की शुरुआत की। इसके बाद फरवरी 2006 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरे समय के लिए सिर्फ 'परिवर्तन' में ही काम करने लगे।
अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफर
अरविंद केजरीवाल ने 2 अक्टूबर, 2012 में अपने राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत की और आम आदमी पार्टी का गठन किया। उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और भूमि-भवन विकासकर्ता कंपनी डीएलएफ के बीच हुए तथाकथित भ्रष्टाचार का खुलासा किया और बाद में केन्द्रीय विधि मंत्री सलमान खुर्शीद और उनकी पत्नी लुई खुर्शीद के ट्रस्ट के खिलाफ आन्दोलन भी छेड़ा।
अरविंद केजरीवाल ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा। जहां उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से तीन बार की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को 25864 मतों से हराया। अरविंद केजरीवाल को कुल 44269 मत प्राप्त हुए, जबकि उनके मुक़ाबले शीला दीक्षित को केवल 18405 मत प्राप्त हुए थे। इसके बाद से ही आम आदमी पार्टी का ग्राफ बढ़ता चला गया।