CM Rekha Gupta: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पूर्वी दिल्ली के सरकारी अस्पताल गुरु तेग बहादुर अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान वहां मौजूद नर्सिंग कर्मियों ने सीएम से मिलकर वेतन न मिलने को लेकर शिकायत की। इसके अलावा उन्होंने जीटीबी अस्पताल के पास में बने दिल्ली स्टेट कैंसर अस्पताल में भर्ती करने वाली कंपनी पर आरोप लगाया कि वे लो कर्मचारियों की भर्ती के लिए पैसों की मांग कर रहे हैं। 

सीएम ने गिनाईं जीटीबी अस्पताल की कमियां

सीएम रेखा गुप्ता ने जीटीबी अस्पताल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में अधूरे बिल्डिंग पड़ी हैं। रघुवीर नगर, सरिता विहार समेत सातों सरकारी अस्पतालों की बिल्डिंग जर्जर पड़ी हुई हैं। पूर्व सरकार का कोई भी मंत्री अस्पतालों की स्थिति का जायजा लेने नहीं आया। जीटीबी अस्पताल में रोजाना 7 से 8 हजार ओपीडी मरीज और एक हजार मरीज भर्ती होते हैं। अगर इस अस्पताल का ऐसा हाल है, तो दूसरी जगहों का हाल कैसा होगा?

इस अस्पताल में मात्र 95 आईसीयू बेड उपलब्ध हैं और वो भी खस्ताहाल में हैं। अस्पताल में एक भी MRI मशीन नहीं हैं। सीटी स्कैन वाली मशीन है और वो भी 12 साल पुरानी है। अस्पताल में 1800 से 2000 डिलीवरी हर महीने होती हैं। छोटी-छोटी चीजों के लिए लोगों को प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते हैं। चार-चार बड़े सरकारी अस्पतालों के लिए एक एमडी काम कर रहा है। 

केजरीवाल पर साधा निशाना

सीएम ने पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला बोलते हुए कहा कि 'केजरीवाल जी दिल्ली के इसी हेल्थ मॉडल की बात करते थे। सात अस्पतालों के स्ट्रक्चर अधूरे पड़े हैं, जिनपर केजरीवाल सरकार ने 1200 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। अब इन अस्पतालों की अधूरी बिल्डिंग्स की स्थिति ये हो गई है कि इन पर 3000 करोड़ रुपए भी खर्च कर दिए जाएं, तो भी इनका कुछ नहीं हो सकता। अस्पताल परिसर में नर्सिंग स्टेशन नहीं है और डॉक्टर्स के लिए कोई प्लेटफॉर्म नहीं है और ना ही वॉशरूम हैं। हमें समझ में नहीं आ रहा कि इन स्ट्रक्चर का क्या किया जाए।' उन्होंने आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'दिल्ली की महिलाओं को हम 2500 रुपए दे देंगे लेकिन मैं आतिशी से पूछना चाहती हूं कि जो 1200 करोड़ रुपए बर्बाद किए गए हैं, उनका जवाब दीजिए।'

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