Delhi Coaching Incident: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने सोमवार को ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग घटना स्थल पर पहुंचे, लेकिन छात्रों द्वारा नारेबाजी करने के चलते बिना बातचीत किए ही वापस लौटना पड़ना। हालांकि, शोर शराबे के बीच ही एलजी ने छात्रों से कुछ चर्चा की और उन्हें भरोसा दिया कि इस मामले में दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा। इसके बाद एलजी ने मृतक स्टूडेंट्स के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की। वहीं, मृतकों में शामिल नेविन डेल्विन के पिता ने मुआवजे रूप में मिलने वाले 10 लाख रुपये को लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने इस घटना के जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
नाराज छात्रों से मिलने पहुंचे एलजी
दरअसल, राजेंद्र नगर में शनिवार यानी 27 जनवरी को कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से भारी संख्या में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। एलजी वीके सक्सेना ने सोमवार को राजेंद्र नगर में पहुंचकर छात्रों के मुलाकात की। मौके पर पहुंचे एलजी से प्रदर्शनकारी कुछ छात्रों ने बातचीत की जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा। इसी बीच प्रदर्शन कर रहे अन्य छात्रों ने नाराजगी दिखाते हुए एलजी से आमने सामने चर्चा क्यों नहीं करने की बात करते हुए उनके ही खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। नाराज छात्र चाहते थे कि एलजी पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधों के पीछे खड़े न होकर अंदर आकर सीधे बातचीत करें।
मृतक छात्रों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा देने की घोषणा
एलजी वीके सक्सेना ने राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में मारे गए तीनों यूपीएससी छात्रों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की घोषणा की। इसके साथ ही एलजी ने विरोध कर छात्रों से मुलाकात कर 24 घंटे के भीतर दिल्ली अग्निशमन सेवा, दिल्ली पुलिस और दिल्ली नगर निगम (MCD) के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
नेविन डेल्विन के पिता ने ठुकराए मुआवजे के 10 लाख
राजेंद्र नगर में कोचिंग सेंटर हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों में केरल के रहने वाले नेविन डेल्विन का नाम भी शामिल था। नेविन डेल्विन के पिता ने मुआवजे के रूप में मिलने वाली रकम को ठुकरा दिया है। उन्होंने कहा कि हम इस मुआवजे से क्या करेंगे? हमारा बच्चा वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यह चाहते हैं कि इस घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी युवा का जीवन बर्बाद न हो।