Hashim Baba Gang Sharp Shooter Arrested: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हाशिम बाबा गैंग के शार्प शूटर को गिरफ्तार किया है। आरोपी जुनैद उर्फ जुन्नू (24) तीन महीने पहले ज्योति नगर थाने में दर्ज हुए हत्या के प्रयास के मामले में वॉन्टेड था। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया है कि वह गैंगस्टर्स के इंस्टाग्राम पेज से प्रभावित होकर हाशिम बाबा गैंग में शामिल हुआ था।
वेलकम मेट्रो स्टेशन के पास से दबोचा
पुलिस अधिकारी के मुताबिक, क्राइम ब्रांच की ईस्टर्न रेंज-2 टीम नॉर्थ-दिल्ली में एक्टिव गैंगस्टर के गुर्गों को पकड़ने के काम पर लगी थी। इसी कड़ी में टीम ने ज्योति नगर थाने में तीन महीने पहले दर्ज हुए हत्या के प्रयास के मामले पर काम करना शुरू किया। टीम को पता चला इस मामले का मुख्य आरोपी जुन्नू अभी भी फरार है। पुलिस टीम ने जुन्नू के दोस्तों और रिश्तेदारों पर लगातार नजर रखी। साथ ही उसके कॉल डिटेल्स रेकॉर्ड भी खंगाले। जिसकी मदद से आरोपी को वेलकम मेट्रो स्टेशन के पास से दबोच लिया।
किस मामले में आरोपी है शूटर
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि शिकायतकर्ता अनिल का आरोपी गौरव के साथ पैसों को लेकर विवाद है। उसने अपने पैसे लेने के लिए जुन्नु से संपर्क किया। जुन्नू ने हाशिम बाबा गैंग के अनस और फुरकान को बुलाया। आरोपियों ने 29-30 अगस्त की दरमियानी रात घर लौट रहे अनिल पर देसी पिस्टल से तीन राउंड गोलियां चलाईं। जिसमें से एक गोली अनिल के पैर में लगी। इस मामले में गौरव, अनस और फुरकान तो गिरफ्तार हो गए थे, मगर जुन्नू फरार चल रहा था। (नस) बार-बार ठिकाना बदल रहा था।
पहले डकैती करता था फुकरान
आरोपी पुलिस से बचने के लिए लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था। वह कभी सूरत, कभी जयपुर तो कभी झज्जर जा रहा था। जुन्नू अनपढ़ है और कर्दम पुरी में कसाई की दुकान चलाता है। बगल की गली में फुरकान रहता है, जो पहले डकैती में शामिल था और हाशिम बाबा गैंग से संबंध रखता था। गैंगस्टरों के इंस्टाग्राम पेज और फुरकान से प्रभावित होकर उसने फुरकान के साथ संबंध बढ़ाना शुरू कर दिया।
फुरकान के माध्यम से वह हाशिम बाबा गैंग के सदस्य अनस से मिला, जो हत्या के मामलों में शामिल था। वारदात को अंजाम देने के बाद वे सभी सूरत भाग गए थे। इसके बाद उन्होंने कभी एक-दूसरे से संपर्क नहीं किया। यही नहीं गैंग से अलग होने से पहले उसे फोन का इस्तेमाल न करने और लगातार लोकेशन और हुलिया बदलने की हिदायत दी गई थी। वह जहां-जहां जाता वहां मजार और मंदिरों में भी रुकता था।