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दिल्ली पुलिस ने एक बिजनेसमैन समेत छह लोगों को अरेस्ट किया है, जिन्होंने पार्किंग विवाद को लेकर एक कवि की कार को आग के हवाले कर दिया था। फिलहाल, सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है और मामले की जांच जारी है।

Delhi Crime News: दिल्ली के लाजपत नगर में पार्किंग विवाद को लेकर एक बिजनेसमैन ने पांच लोगों के साथ मिलकर एक कवि की कार में आग लगा दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपी की पहचान कर छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, यह कार सांस्कृतिक संगठन जश्न-ए-अदब के संस्थापक कुंवर रणजीत चौहान (40) की बताई जा रही है। वह एफ ब्लॉक में अपने परिवार के साथ रहते हैं। 30 नवंबर को उनकी कार उनके घर के बाहर खड़ी थी। इसी बीच राहुल भसीन अपने दोस्तों के साथ आया और उनकी कार को आग लगाकर फरार हो गया। इसके बाद कुंवर रणजीत चौहान ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो कवि ने मुख्य आरोपी राहुल भसीन को पहचान लिया। सीसीटीवी में दिखा कि पहले सभी ने कार के बोनट पर पेट्रोल फेंका और फिर कार में आग लगाकर वहां से भाग गए।

इस मामले में डीसीपी (दक्षिण पूर्व) रवि कुमार सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी राहुल भसीन वारदात को अंजाम देने के बाद छह अन्य लोगों के साथ उत्तर प्रदेश के अमेठी भाग गया था। पुलिस ने उसका करीब 600 किलोमीटर तक पीछा किया और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इसके साथ ही उनके पास से एक कार भी बरामद की गई है।

वहीं एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कुंवर रणजीत चौहान ने कहा कि उन्हें कार में आग लगाने के बारे में उनके पड़ोसियों ने बताया था। जिस समय राहुल ने उनकी कार में आग लगाई। उस समय वो और उनकी पत्नी घर से बाहर थे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि कैसे उन्होंने पहले हमारी कार में तोड़फोड़ की और उसके बोनट में आग लगा दी।"

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 कुंवर रणजीत चौहान ने आगे बताया कि यह विवाद पार्किंग को लेकर शुरू हुआ था। उन्हीं व्यक्तियों ने स्थानीय पार्क में शराब पीना शुरू कर दिया और स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार भी किया था। जिसको लेकर चौहान ने अगस्त महीने में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। हालांकि, 24 घंटे के भीतर उन्हें जमानत मिल गई और इसके बाद उन्होंने डराना धमकाना शुरू कर दिया था।

चौहान ने ये भी बताया कि 29 नवंबर को स्थिति और ज्यादा खतरनाक हो गई। जब उनमें से एक ने मेरे घर के बाहर उनके साथ गाली-गलौज की और अगले दिन आरोपियों ने उनकी कार को आग लगा दी। इस पूरी घटना के दौरान उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी है।

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