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दिल्ली के स्कूलों में भी हत्या जैसी वारदातों की खबर सामने आ चुकी हैं। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने अहम फैसला लिया है, जिससे ऐसी वारदातों पर नकेल कसने की उम्मीद है।

Delhi News: दिल्ली सरकार ने छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। इससे सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कोई नुकसान नहीं होगा। इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने राजधानी के स्कूलों से छात्रों की औचक बैग जांच सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनाने का आदेश दिया है। साथ ही, यह तय करने को भी कहा गया है कि छात्रों के पास कोई ऐसी सामग्री न हो, जिसका उपयोग छात्रों को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है। 

स्कूलों में हो रही छात्रों की हत्याएं

बता दें कि दिल्ली के एक स्कूल में बीते कुछ दिनों पहले नेब सराय इलाके में तीन छात्रों ने स्कूल में परेशान करने को लेकर 11वीं क्लास के एक छात्र की चाकू से 24 बार प्रहार करके हत्या कर दी थी। वहीं दूसरा मामला उत्तरी दिल्ली के शास्त्री नगर इलाके के एक सरकारी स्कूल में अपने सीनियर्स छात्रों द्वारा पिटाई के कुछ दिनों बाद एक 12 साल के लड़के की अस्पताल में मौत हो गई। स्कूलों में ऐसे मामले आना काफी चिंताजनक है।

स्कूलों के गेट पर गार्ड छात्रों के बैग की जांच करें

इस समिति का मकसद है कि बच्चे स्कूल के अंदर ऐसी कोई सामग्री लेकर न आएं, जो अन्य छात्रों को नुकसान पहुंचा सके। इसके साथ ही दिल्ली के स्कूलों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि स्कूलों के गेट पर गार्ड नियमित रूप से छात्रों के बैग की जांच करें। इस बात को स्कूल प्रबंधन सुनिश्चित करे कि क्लास में लगे सीसीटीवी हर वक्त काम करें। 

स्कूलों में हत्याओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए फैसला 

शिक्षा निदेशाल के मुताबिक दिल्ली के स्कूलों से मारपीट और हत्याएं की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। स्कूल में रहकर छात्रों की सुरक्षा करना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। यह एक गंभीर मसला है। वहीं, डीओई ने अपने आदेश में कहा है कि ऐसी घटनाओं पर नजर बनाए रखने के लिए दिल्ली के स्कूल प्रमुखों को स्कूल परिसर में छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए कहा है। आगे यह भी कहा गया है कि स्कूलों प्रशासन को सभी संबंधित लोगों के लिए सुरक्षित स्थान बनाने, छात्रों, अभिभावकों और कर्मचारियों के लिए अच्छी सुरक्षा माहौल विकसित करने के लिए एक अच्छा ढांचा बनाना होगा। 

सभी राज्यों को दिल्ली से सबक लेना चाहिए

दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में भी स्कूलों के भीतर हत्याकांड की खबरें आए दिन सामने आती रहती हैं। दिल्ली से सटे गुरुग्राम से करीब छह साल पहले ऐसी खबर सामने आई थी, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। गुरुग्राम में एक नामी स्कूल में बच्चे की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने शुरुआती जांच के बाद एक बस कंडक्टर को अरेस्ट किया था, लेकिन मामला सीबीआई तक पहुंचा तो पता चला कि हत्या कंडक्टर ने नहीं बल्कि स्कूल के ही एक सीनियर छात्र ने की थी। मृतक बच्चे की उम्र 7 साल थी। इस घटना के बाद देशभर के स्कूलों में सुरक्षा इंतजाम कड़े करने के दावे किए गए, लेकिन इसके बाद भी सिलसिलेवार हर एक राज्य से ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।

हरियाणा की ही बात करें तो सप्ताह पहले ही जींद के गीता भारती स्कूल में एक छात्र ने अपने दोस्त की चाकू से घोंपकर हत्या कर दी। यह घटनाएं सोचने पर विवश करती हैं कि स्कूल में बच्चे कैसे सुरक्षित रह पाएंगे। ऐसे में अन्य राज्यों को भी दिल्ली की तर्ज पर स्कूलों में प्रवेश करते समय स्टूडेंट्स के बैग की तलाशी अनिवार्य करनी चाहिए। 

 

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