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दिल्ली में पानी की किल्लत के बाद अब लोगों को बिजली भी परेशान करने लगी है। दिल्ली के कई इलाकों में बिजली का संकट बना हुआ है।

Delhi Electricity Crisis: दिल्ली पहले ही जल संकट से जूझ रही और अब मंगलवार को बिजली संकट ने राजधानी के लोगों की हालत खराब कर दी। भीषण गर्मी के बीच दोपहर 2:11 बजे अचानक राजधानी के दर्जनों क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई। लोगों के पास कोई पूर्व सूचना नहीं पहुंची, जिससे जनता यह नहीं समझ पाई की आखिर बिजली क्यों काटी गई है।

दिल्ली में बिजली संकट

बिजली गुल होने का असर दिल्ली के जल शोधन संयंत्रों पर भी पड़ा, जिससे कई जल शोधन संयंत्रों ने कार्य करना बंद कर दिया और जल शोधन प्रभावित हुआ। बिजली गुल होने का सबसे ज्यादा असर उत्तर पूर्वी दिल्ली पर पड़ा, जिसमें बुराड़ी, प्रधान कालोनी, तिमारपुर, सीलमपुर भजनपुरा, वेलकम, मुस्तफाबाद, गोकुल पुरी, सोनिया विहार, खजूरी, आईटीओ, सीमापुरी, नंदनगरी, करावल नगर, नरेला, सरिता विहार, ओखला, सुखदेव विहार, आश्रम जैसे अनेक क्षेत्र शामिल हैं।

बिजली आपूर्ति कंपनियों ने बताई यह वजह

इस संबंध में निजी बिजली आपूर्ति कंपनियों बीएसईएस और टाटा पावर डीडीएल के आला अधिकारियों का कहना है कि उत्तर प्रदेश मंडोला में स्थित पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के सब-स्टेशन में आग लगने की वजह से यह संकट पैदा हुआ।

मंडोला सब-स्टेशन बताया कारण

मंडोला सब-स्टेशन से दिल्ली को करीब 1200 मेगावाट से ज्यादा बिजली मिलती है। ऐसे में मंडोला सब स्टेशन में आग लगने से दिल्ली के कई क्षेत्रों में बिजली संकट खड़ा हो गया। कंपनियों ने बताया कि जैसे ही पता चला कि मंडोला से बिजली आपूर्ति बाधित हुई है, तुरंत वैकल्पिक व्यवस्था की कार्रवाई शुरू कर दी गई।

बता दें कि दिल्ली में इस समय भीषण गर्मी पड़ रही है। जिससे बिजली की मांग बहुत ज्यादा हो रही है, मई महीने में तो पहली बार विद्युत मांग का आंकड़ा 8300 मेगावाट तक पहुंच गया था। वर्तमान में भी बिजली की खपत 7 हजार से 7800 मेगावाट के बीच चल रही है। जाहिर है भीषण गर्मी के बीच अचानक दिल्ली के अनेक हिस्सों में अगर पावर कट हो जाए, तो लोगों की परेशानी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। दोपहर 2:11 बजे पैदा हुए संकट के बाद धीरे-धीरे बिजली कट सुचारू होने लगी।

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