Delhi Electricity Demand: दिल्ली में ऐतिहासिक बिजली खपत के बाद अब मांग में कमी आने का दौर लगातार जारी है। ऐसे में गुरुवार को बिजली की मांग में पहली बार 850 मेगावाट की भारी कमी दर्ज हुई है। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर दिल्ली (एसएलडीसी) पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग का आंकड़ा 6851 मेगावाट दर्ज हुई थी, लेकिन चंद घंटों बाद गुरुवार को मांग में करीब 850 मेगावाट की भारी कमी के बाद आंकड़ा लुढ़कर 6002 मेगावाट रह गया। इसी प्रकार न्यूनतम मांग में भी भारी गिरावट देखने को मिली।
बिजली की खपत में भारी गिरावट
एसएलडीसी के आंकड़ों के अनुसार, जहां बुधवार को खपत का आंकड़ा 4921 मेगावाट रही थी, वहीं गुरुवार को घटकर 4328 मेगावाट रह गई। यानी न्यूनतम मांग में भी करीब 600 मेगावाट की रिकार्ड कमी देखने को मिली है। इस बारे में निजी बिजली आपूर्ति कंपनियों बीएसईएस और टाटा पावर डीडीएल के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में मानसून ने दस्तक दी है उसके बाद बिजली की मांग में गिरावट जारी है। बुधवार रात व गुरुवार सुबह हुई बारिश से मौसम में बहुत बदलाव आया, जिसका असर बिजली की मांग में कमी के रूप में देखने को मिल रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि जैसे जैसे लगातार बारिश होगी वैसे वैसे बिजली की मांग में और कमी देखने को मिलेगी। कंपनियों की मानें, तो अब अधिकतम मांग का आठ हजार मेगावाट पहुंचना शायद मुश्किल होगा, क्योंकि अब आने वाले दिन मानसून के हैं, जिसमें बारिश के चलते मांग घटती जाएगी।
बता दें कि गत माह दिल्ली में बिजली की मांग ने अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा 18 जून 2024 को 8503 मेगावाट आल टाइम रिकॉर्ड खपत दर्ज हुई थी। जबकि न्यूनतम मांग भी पहली बार 5794 मेगावाट पहुंच गई थी।