Delhi Fake Medicines Scam: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में नकली दवा के मामले पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने संज्ञान लिया और सीबीआई जांच का आदेश दिया है। इसी बीच, नकली दवाओं के मुद्दे पर राष्ट्रीय राजधानी की राजनीति गरमा गई है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने सीबीआई जांच की सिफारिश के फैसले को सही बताया है। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने जांच का आदेश देकर दिल्लीवासियों के गुनाहगार को सामने लाने की दिशा में कार्यवाही की है।
नेता प्रतिपक्ष बोले- यह लोगों की जान से खिलवाड़ करने का मामला
बीजेपी नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि नकली दवाइयों की सप्लाई केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा हुआ मामला नहीं है बल्कि यह किसी व्यक्ति की जान से खिलवाड़ करने का मामला है। उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त एक्शन लेना चाहिए। बिधूड़ी बोले कि जब तक मामले की जांच जारी है तब तक स्वास्थ्य मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
दवाओं के सैंपल हुए फेल
दिल्ली के अस्पतालों में दी जाने वाली दवाओं की जांच की गई। दवा के कुल 43 में से तीन सैंपल फेल हो गए हैं। जबकि 12 की रिपोर्ट आनी बाकी है। नमूने सरकारी और प्राइवेट दोनों लैब में भेजे गए थे। प्राइवेट लैब में भेजे गए 43 नमूनों में से पांच गुणवत्ता के मामले में फेल हो गए हैं। जो दवाएं इन दोनों लैब परीक्षणों में विफल रहीं, उनमें एम्लोडिपाइन, सेलेटिरसेटम, पैंटोप्राज़ोल, सेफैलेक्सिन और डेक्सामेथमोन शामिल हैं।
सौरभ भारद्वाज ने दी सफाई
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इन दवाओं की खरीद डीजीएचएस के अंतर्गत आती है और विभाग के प्रमुख स्वास्थ्य सचिव होते हैं। दो महीने पहले मैंने उपराज्यपाल से स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार को निलंबित करने की सिफारिश की थी। लेकिन कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि अब उन्हें निलंबित करें। दिल्ली में सचिव समेत शीर्ष सरकारी अधिकारी केंद्र सरकार के अधीन आ रहे हैं, इसलिए इस मामले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद शुरू हो गया है। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी ने भी मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है।