Delhi Assembly Session: दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज गुरुवार सुबह 11 बजे से शुरू होगा। आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह पहला सत्र है। सीएम आतिशी को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। वहीं, विपक्ष के तेवर को देखते हुए इसमें हंगामे के आसार हैं। नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता नई सरकार को सीएजी की रिपोर्ट सदन में पेश करने, छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन न करने, दिल्ली जल बोर्ड के 73 हजार करोड़ रुपए के कर्ज और शैक्षणिक संस्थानों में भ्रष्टाचार समेत अन्य मुद्दों पर घेरने की तैयारी में हैं।

आप सरकार पर हमलावर हुए विजेंद्र गुप्ता

गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा सत्र से पहले भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने बुधवार को सरकार से अहम मुद्दों और जनता की शिकायतों पर जवाबदेही तय करने की मांग। गुप्ता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने जेल से कैसे दिल्ली की सरकार चलाई जबकि मंत्रिमंडल की कोई बैठक नहीं हुई, विधानसभा का कोई सत्र नहीं हुआ और वह किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते थे। उन्होंने कहा कि भाजपा उन 50 मौतों की जवाबदेही की मांग करती है, जो सरकार की लापरवाही की वजह से डूबने और बिजली का करंट लगने से हुईं।

'सत्र बुलाने की क्या है मजबूरी'

गुप्ता ने कैग रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग की। वहीं  विश्वास नगर से भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने आरोप लगाया कि सभी विभागों में चारों तरफ भ्रष्टाचार है। उन्होंने आरोप लगाया कि चाहे अस्पताल हो या जल विभाग या कोई अन्य विभाग। यह बहुत स्पष्ट है कि आज दिल्ली में कोई व्यवस्था सही काम नहीं कर रही है। भाजपा विधायकों ने विधानसभा सत्र बुलाने के समय पर भी सवाल उठाया और पूछा कि क्या यह सत्र मजबूरी में बुलाया जा रहा है या कोई एजेंडा भी है।

गुप्ता ने कहा कि विधानसभा का पिछला सत्र आठ अप्रैल को बुलाया गया था और संविधान के मुताबिक यह अनिवार्य है कि सत्र छह महीने के भीतर बुलाया जाए अन्यथा विधानसभा स्वत: भंग हो जाती है। इससे बचने के लिए यह सत्र बुलाया गया है क्योंकि आठ अक्टूबर से पहले सत्र बुलाना मजबूरी है।

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