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दिल्ली में पिछले कुछ समय से गैंगस्टरों की गतिविधियों में अचानक कमी देखने को मिली है। पुलिस ने कुछ ठोस कदम उठाकर इन पर लगाम कसने में सफलता हासिल की है। एनकाउंटर से लेकर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई तक, हर मोर्चे पर पुलिस ने अपनी सक्रियता दिखाई है।

Delhi Gangsters Crackdown: दिल्ली में लंबे समय से आतंक फैला रहे गैंगस्टरों और उनके गुर्गों की गतिविधियां अचानक शांत हो गई हैं। पुलिस ने सख्त कदम उठाकर न सिर्फ अपराधियों को दहशत में ला दिया है, बल्कि उनके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। एनकाउंटर से लेकर जेलों में सख्ती तक, पुलिस ने हर संभव उपाय किया है।  

अपराध पर लगाम: पुलिस की बड़ी उपलब्धि

दिल्ली में बीते कुछ सालों में अपराध और गैंगस्टर गतिविधियां चरम पर थीं। गैंगवार, एक्सटॉर्शन कॉल्स और हत्याएं आम हो गई थीं। पुलिस ने इन मामलों का गहन विश्लेषण किया और अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ा शिकंजा कसने का निर्णय लिया। अब, अपराधों में अचानक आई गिरावट ने यह दिखा दिया है कि पुलिस की रणनीति कारगर रही है।  

एनकाउंटर से गैंगस्टरों को दी कड़ी चेतावनी

31 अक्टूबर को फर्श बाजार इलाके में हुए एक डबल मर्डर केस के बाद पुलिस ने 14 दिसंबर को मेरठ में शूटर सोनू मटका का एनकाउंटर किया। यह घटना पुलिस का स्पष्ट संदेश थी कि अब अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इसके बाद कई गैंगस्टरों फरार हो गए और उनकी गतिविधियां ठप हो गईं। साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा के नेतृत्व में स्पेशल यूनिट्स ने गैंगस्टर्स और उनके नेटवर्क की पहचान की। उनके फाइनैंसर, गुर्गे और सहयोगी सभी पुलिस के रडार पर आ गए। इनके खिलाफ मकोका (MCOCA) और एनएसए (NSA) जैसी सख्त धाराओं के तहत कार्रवाई की गई।  

गैंगस्टरों और पुलिस की मिलीभगत पर वार

पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि कुछ गैंगस्टर्स, जैसे लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवानिया और जितेंद्र गोगी, पुलिस के निचले स्तर के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर रहे थे। शूटर आसानी से गिरफ्तारी दे रहे थे क्योंकि वे 'फिक्सिंग' से आश्वस्त थे। इस मामले में हेडक्वॉर्टर से स्पष्ट निर्देश दिए गए कि मिलीभगत पाए जाने पर दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाएगा। 

जेलों में सख्ती: बंद हुआ अपराधियों का ऑपरेशन

जेलों में गैंगस्टरों की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने सरप्राइज चेकिंग शुरू की। मोबाइल फोन और अन्य सुविधाओं पर रोक लगाई गई। जेल में मुलाकात करने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके कारण गैंगस्टरों का नेटवर्क टूट गया है और उनकी योजनाएं ध्वस्त हो गई हैं।  

दिल्ली में शांति का माहौल

दिल्ली पुलिस की सख्ती और बेहतर योजना के कारण राजधानी में अपराध और गैंगस्टरों की गतिविधियां लगभग खत्म हो चुकी हैं। यह न केवल पुलिस की बड़ी सफलता है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी राहत की बात है। अब पुलिस की यह रणनीति लंबे समय तक लागू रहनी चाहिए ताकि राजधानी में अपराध का डर दोबारा सिर न उठा सके।

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