Liquor Sale in Delhi: दिल्ली सरकार ने शराब पर वसूले जाने वाले टैक्स से इस साल बहुत अच्छी कमाई की है। पिछले नौ महीनों में सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और VAT से करीब 6,061 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह आंकड़े 2024-25 (अप्रैल से दिसंबर) के वित्तीय वर्ष के हैं। शराब के टैक्स की यह कमाई पिछले साल की मुकाबले 13 प्रतिशत ज्यादा है। बता दें कि पिछले साल दिल्ली सरकार ने इस दौरान 5,361 करोड़ रुपये कमाए थे। इसकी बड़ी वजह यह है कि पिछले कुछ समय में शराब की खरीदारी में बढ़ोत्तरी हुई है।

सरकार को हुआ बड़ा मुनाफा

जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 2024-25 में शराब से कुल 6,400 करोड़ रुपए कमाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में सरकार ने कुल एक्साइज ड्यूटी से पूरे साल में 5,164 की कमाई की थी। इस साल शराब से कमाए गए 6061 करोड़ रुपए एक्साइज ड्यूटी के 4,233 करोड़ रुपए और VAT के 1,828 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। बता दें कि सरकार द्वारा यह टैक्स विदेशी टैक्स और देशी शराब दोनों पर लगता है। मौजूदा आंकड़ों को देखकर पता चलता है कि इस साल सरकार अपने लक्ष्य को हासिल कर सकती है।

साल 2023 और 2024 के आंकड़े

इस समय दिल्ली में लगभग 700 से ज्यादा शराब की दुकानें हैं और इसके अलावा 900 से ज़्यादा होटल, रेस्टोरेंट और क्लब हैं, जो शराब बेचते हैं। इसी अवधि के दौरान पिछले साल VAT से 1,643 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी।
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली सरकार ने अक्टूबर 2024 में, एक्साइज और VAT से करीब 705.8ल की कमाई की है।

इसके बाद नवंबर और दिसंबर में यह आंकड़ा लगभग 760 करोड़ रुपए महीने पहुंच गया। वहीं साल 2023 में, अक्टूबर में सरकार ने 705.2 करोड़ रुपए, नवंबर में 604 करोड़ रुपए और दिसंबर में 620 करोड़ रुपए की कमाई की थी। ये आंकड़े बताते हैं कि इस साल दिल्ली में शराब की बिक्री में बढ़ावा हुआ है।

2024 की 31 दिसंबर को शराब बिक्री में गिरावट

2024 के आखिरी दिन यानी कि 31 दिसंबर को दिल्ली सरकार की ओर से संचालित चार निगमों द्वारा शहर में लगभग 700 दुकानों के माध्यम से करीब 23 लाख शराब की बोतलों की बिक्री की गई। वहीं साल 2023 के आखिरी दिन को लगभग 24 लाख की बोतलें बेची गईं। हालांकि साल 2024 में उसके पिछले साल के मुकाबले कम शराब की बोतलें बिकीं। इसकी वजह बताते हुए एक अधिकारी ने कहा कि 31 दिसंबर 2024 को मंगलवार का दिन था, जिसकी वजह से धार्मिक कारणों से शराब की खरीदारी में थोड़ी कमी रही।

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