Delhi Politics: दिल्ली में विधायकों के पत्र और फोन कॉल का जवाब ना देना अधिकारियों को अब भारी पड़ सकता है। जी हां, दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को विधायकों और सांसदों के फोन कॉल, पत्र और संदेशों का तुरंत जवाब देने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि अगर विधायकों और सांसदों के पत्रों, फोन कॉल और संदेश का तुरंत जवाब नहीं दिया, तो उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने लिखा था पत्र
दिल्ली सरकार का यह निर्देश ऐसे समय में सामने आया है, जब विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने हाल ही में कुछ अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना होने का मुद्दा उठाया था। दरअसल, विजेंद्र गुप्ता ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी विधायकों से पत्र, फोन कॉल और संदेश के रूप में प्राप्त संचार को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसके बाद मुख्य सचिव ने मामले को गंभीरता से लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए।
सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से दिए गए निर्देश
दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (जीएडी) नवीन कुमार चौधरी द्वारा जारी किए गए परिपत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने विधायकों और सांसदों के साथ इस गैर जिम्मेदाराना व्यवहार को देखते हुए नाराजगी जाहिर करते हुए निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। ऐसा कोई मौका नहीं होना चाहिए, जब विधायकों या सांसदों की तरफ से शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। सांसदों और विधायकों की शिकायत पर सुनवाई होनी चाहिए। अगर अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं करते हैं, तो उन पर उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और संबंधित अधिकारी के मूल्यांकन में यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा।
प्रवेश वर्मा ने किया इंजीनियर को सस्पेंड
बता दें कि दिल्ली सरकार के विधायकों और मंत्रियों की तरफ से लगातार शिकायतें की जा रही थीं कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुनते हैं और काम नहीं करते हैं। वहीं बीते दिन पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में निर्माण कार्यों का जायजा लेने पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों के काम न करने का मुद्दा उठाया था। साथ ही एक इंजीनियर को सस्पेंड करते हुए कहा था कि '10 सालों में इनकी चमड़ी मोटी हो गई है। इन लोगों को सड़क पर उतरकर पसीना बहाना पड़ेगा।'
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