Delhi Government: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता की अगुवाई में जनता की समस्याओं को सुनने के लिए जनसुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत की गई। दिल्ली की पहली जनसुनवाई पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर विधानसभा से शुरू की गई। जनसुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के अधिकारी, दिल्ली नगर निगम के अधिकारी, दिल्ली विकास प्राधिकरण के अधिकारी, दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और दिल्ली पुलिस, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस समेत 16 विभाग के अधिकारी शामिल रहे।
विधायक और पार्षद ने जाहिर की खुशी
इस दौरान पूर्वी दिल्ली के कृष्णा नगर विधानसभा के विधायक ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सीएम की पहल पर दिल्ली में जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस दौरान स्थानीय लोग अपनी परेशानियों के साथ सीएम के पास पहुंचे। वैसे तो ये कार्यक्रम पूरी दिल्ली में शुरू होगा, लेकिन इसकी शुरुआत मेरी विधानसभा से की गई। वहीं इस मामले पर स्थानीय पार्षद ने कहा कि मानसून आने से पहले ये जनसुनवाई अहम है। यहां साफ-सफाई और सुरक्षा समेत तमाम तरह की समस्याएं सुनी जा रही हैं।
ये भी पढ़ें: Delhi Job News: दिल्ली के IIT स्टूडेंट्स की बल्ले-बल्ले, टॉप कंपनियों से 800 से ज्यादा जॉब ऑफर
सबसे ज्यादा सड़क और पानी की समस्या
जनसुनवाई में शामिल अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय स्तर पर सबसे ज्यादा मामले सड़क और पानी से जुड़े हैं। इलाके में पानी की समस्या एक बड़ी समस्या है। वहीं कुछ लोगों को सीवर जाम की समस्या का सामना भी करना पड़ रहा है। साथ ही लोगों ने सीवर ओवरफ्लो की भी शिकायत की। विधानसभा के अलग-अलग इलाकों से लगभग 250 लोग आए। इनमें से बहुत से लोगों ने सड़क से जुड़ी समस्या का मुद्दा उठाया है।
घोंडली इलाके में डिस्पेंसरी की मांग
कुछ स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य सुविधाओं में परिवर्तन की मांग की है। वहीं घोंडली इलाके में एक डिस्पेंसरी खोलने की मांग की गई है। इस पर अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही इलाके में 15 आरोग्य मंदिर बनाए जाएंगे। वहीं चंदर नगर के पास कम्युनिटी सेंटर बनाने की भी बात कही गई है।
अधिकारियों को दिए गए आदेश
समस्याओं से निपटने के लिए अधिकारियों को आदेश दिए गए और उनसे रिपोर्ट मांगी हई। कुछ ऐसी समस्याएं थीं, जिनका निपटारा तुरंत कर दिया गया। साथ ही इस दौरान लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में भी बताया गया।
ये भी पढ़ें: Old Gurugram Metro: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो रूट पर बनेंगे 6 नए अंडपास, 550 करोड़ रुपये किए जाएंगे खर्च