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दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रविवार को बदमाशों ने फायरिंग कर दी। इस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। हालांकि, हमलावर बदमाश को मारने के लिए आए थे और धोखे से अस्पताल में भर्ती एक मरीज को मारकर चले गए।

Delhi GTB Murder: दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में रविवार शाम हुई फायरिंग में अस्पताल प्रशासन से लेकर नॉर्थ-ईस्ट डिस्ट्रिक्ट पुलिस की पोल खोल कर रख दी है। कहा जा रहा है जिस बदमाश को शूटर अस्पताल में मारने पहुंचा था। उसने पहले ही खुद पर गोली चलने की आशंका जताई थी। लेकिन, अस्पताल प्रशासन ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसकी वजह से एक मासूम व्यक्ति की जान चली गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बदमाश के पास मंडोली जेल से सूचना मिली थी कि उस पर अस्पताल में फिर गोली चलेगी और बदमाश समीर बाबा ही गोली चलाएगा। खबरों की मानें, तो समीर बाबा कुख्यात गैंगस्टर हाशिम बाबा का राइट हैंड है। समीर पूरी तरह पुलिस की कंट्रोल से बाहर हो चुका है। वह पिछले एक महीने में गोलीबारी की 4 वारदात को अंजाम दे चुका है। रविवार को ये शूटर जिसे मारने आए थे, उसका नाम वसीम है। वह भी अपराधी किस्म का व्यक्ति है।

जून महीने में ही वह जेल से बाहर आया था। 12 जून को वसीम और उसके साथी पर वेलकम इलाके में गोली चली थी। इसी के चलते वह दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में भर्ती था। उस समय भी समीर बाबा ने ही उस वारदात को अंजाम दिया था। अब जब वसीम का अस्पताल में इलाज चल रहा था तो उसके पास मंडोली जेल से फिर खबर आई थी कि उस पर अस्पताल में गोली चलेगी। समीर बाबा ही गोली चलाएगा। जिसके चलते वसीम की पत्नी ने अस्पताल प्रशासन से सिक्योरिटी बढ़ाने की भी मांग की थी। लेकिन उसकी बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। 

अस्पताल में वारदात को अंजाम देने के लिए घुसे थे चार बदमाश

पुलिस सूत्र का दावा है कि रविवार को चार बदमाश अस्पताल में वारदात करने पहुंचे थे। उनमें एक समीर बाबा भी था। ऊपर 2 लोग थे, जिनमें से एक वॉर्ड में गया था और दो बाहर खड़े थे। उनके अलावा अस्पताल में एक और शख्स था। हालांकि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि यह बात सही है कि अस्पताल में 4 आरोपी घुसे थे, लेकिन उनमें समीर बाबा नहीं था। यह बात भी सही है कि इस कांड का मास्टरमाइंड समीर बाबा ही बताया जा रहा है। लेकिन आरोपियों को पकड़ने के बाद ही पूरी कहानी साफ हो पाएगी।

इसलिए धोखा खा गया शूटर

कहा जा रहा है कि जीटीबी के जिस 24 नंबर वार्ड में फायरिंग हुई। उसमें दो कमरे हैं। एक कमरे में दाहिनी तरफ दूसरे नंबर के बेड पर रियाजुद्दीन था। जबकि दूसरे कमरे में दाहिनी तरफ के दूसरे नंबर बेड पर वसीम था। दोनों के ही पेट पर थैली लगी हुई थी। यही कारण रहा कि शूटर धोखा खा गए और वसीम की जगह रियाजुद्दीन को गोली मारकर चले गए। बदमाशों के इस गैंगवार में एक मरीज की जान चली गई।  

यह बोली पुलिस

डीसीपी शाहदरा का कहना है कि लोकल पुलिस के अलावा स्पेशल टीमें भी आरोपियों की धरपकड़ में लगी हुईं हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ही साफ हो पाएगा कि किसने और क्यों वारदात को अंजाम दिया।

 

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