Delhi High Court: दिल्ली में तेज बारिश के बाद जलभराव की स्थिति आम बात हो गई है। अगर राजधानी में एक घंटे भी तेज बारिश होती है, तो कई रास्ते और अंडरपास जलभराव के कारण बंद हो जाता है। इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली के मयूर विहार के खोड़ा कॉलोनी में बीते दिन एक दर्दनाक हादसा हुआ था। इस हादसे में एक मां-बेटे की नाले में गिरने से मौत हो गई थी। यह नाला खुला था, बारिश आने का बाद भी ना ही इसे ढका गया था और ना ही इसके चारों ओर बैरिकेडिंग की गई थी, जिसके कारण यह हादसा हुआ था। आज दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एमसीडी, डीडीए और दिल्ली पुलिस को खूब फटकार लगाई है।
अधिकारी सिर्फ चाय पीने आते हैं एमसीडी- कोर्ट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आज यानी 6 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट में मयूर विहार में हुए हादसे मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान एमसीडी के डिप्टी कमिश्नर और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी मौजूद रहे। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान एमसीडी को जमकर फटकार लगाई और कहा कि ऐसा लगता है एमसीडी नियंत्रण से बाहर हो गई है। एमसीडी एक ऐसा क्लब बन गया है, जहां अधिकारी आते हैं एक कप चाय पीते हैं और चले जाते हैं, क्योंकि किसी को काम तो करना नहीं है।
'नाले को बैरिकेडिंग किया जा सकता था'
कोर्ट ने इस मामले में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी है। हाईकोर्ट ने कहा कि साफ तौर पर देखा जा सकता है कि यह हादसा अधिकारियों की लापरवाही के कारण हुआ है। अगर वह नाला अंडर कंस्ट्रक्शन था और उसे नहीं ढका जा सकता था, तो कम से कम उसके चारों ओर बैरिकेडिंग तो की ही जा सकती थी, लेकिन एमसीडी बेसिक काम भी नहीं कर पा रही है। इस पर एमसीडी की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम आगे से ऐसा ही करेंगे, इस पर कोर्ट ने कहा कि यह अभी तक क्यों नहीं किया गया। दिल्ली जैसे शहर में इस तरह की घटना कितनी शर्म की बात है। इलाके में गंदगी को फौरन साफ करवाया जाए।
'एमसीडी को भंग भी करा सकते हैं'
दिल्ली कोर्ट ने आगे कहा कि मैं सरकार से एमसीडी को भंग करने के लिए भी कह सकता हूं, क्योंकि एमसीडी का काम करने का जो लेवल है, वह बिल्कुल निचले स्तर का है। नाले को ढका नहीं जा रहा है। कैबिनेट मीटिंग के लिए कोई तारीख तय नहीं है, स्टैंडिंग कमेटी मीटिंग के लिए कोई फिक्स तारीख नहीं है। अगर कैबिनेट और स्टैंडिंग कमेटी मीटिंग हो ही नहीं रही है, तो बजट कैसे स्वीकृत होगा। कोर्ट ने एमसीडी और दिल्ली पुलिस को 10 दिनों का समय देते हुए मामले में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
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