Delhi High Court: आतिशी के खिलाफ PIL खारिज, मनीष सिसोदिया के परिवार को बंगला सबलेट करने का था आरोप

दिल्ली हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप था कि उन्होंने मनीष सिसोदिया के परिवार को सरकारी बंगला सबलेट कर दिया था।;

Update:2025-01-15 17:17 IST
आतिशी और मनीष सिसोदिया पर हाईकोर्ट का फैसला।High Court on Atishi and Manish Sisodia
  • whatsapp icon

Delhi High Court on Government Property: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) को खारिज कर दिया। इस याचिका में उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अपना सरकारी बंगला आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता मनीष सिसोदिया के परिवार को सबलेट कर दिया। याचिका को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो संबंधित अधिकारी इस पर जरूरी कार्रवाई करने के लिए सक्षम हैं।

याचिका का विवरण और आरोप

यह याचिका 17 दिसंबर 2024 को संजीव जैन नाम के एक शख्स ने दाखिल की थी, जो पटपड़गंज निवासी और स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। याचिका में आरोप लगाया गया कि आतिशी ने अपने राजनीतिक पार्टी में हाई रैंक हासिल करने के लिए मनीष सिसोदिया को लाभ पहुंचाया। आरोप के मुताबिक, आतिशी ने सिसोदिया के परिवार को अपना सरकारी आवास रहने के लिए दिया, जो सरकारी संपत्ति का स्पष्ट दुरुपयोग और आवंटन और खाली कराने के नियमों का उल्लंघन है। 

आतिशी पर नियमों के उल्लंघन का आरोप

याचिकाकर्ता के मुताबिक, आतिशी को यह बंगला तब आवंटित किया गया था, जब वह आप सरकार में मंत्री थीं। यह आवंटन 19 अक्टूबर 2024 तक वैध था। याचिका में कहा गया कि मार्च 2023 में, जब मनीष सिसोदिया को जेल भेजा गया और उन्होंने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तब भी उनका परिवार आतिशी के सरकारी आवास में रह रहा था। इसे सरकार को अनुचित लाभ और हानि पहुंचाने का आरोप बताया गया।

अदालत का फैसला और मामले पर टिप्पणी  

मुख्य न्यायाधीश (कार्यवाहक) विभु बखरू और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने इस मामले को खारिज करते हुए कहा कि याचिका में उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई करने का अधिकार संबंधित अधिकारियों के पास है। अदालत ने कहा कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन हुआ है, तो संबंधित प्राधिकरण इस पर कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। 

ये भी पढ़ें: Okhla Assembly Seat: कांग्रेस ने इशरत जहां की बजाय अरीबा खान को दिया टिकट, AIMIM ने किया हमला

सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग का आरोप

इस मामले में अदालत का फैसला AAP सरकार और उसके नेताओं के खिलाफ दायर आरोपों के राजनीतिक विवाद के बीच आया है। हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया, लेकिन इसने एक बार फिर सरकारी संपत्ति के उपयोग और इसके दुरुपयोग के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है। यह मामला सरकारी संपत्ति के दुरुपयोग के आरोपों और राजनीतिक दलों के बीच उत्पन्न होने वाले विवादों का एक उदाहरण है। अदालत के फैसले ने स्पष्ट कर दिया कि इस तरह के मामलों में, कानून और नियमों का पालन करना और संबंधित प्राधिकरणों की भूमिका अहम है।

ये भी पढ़ें: राजौरी गार्डन इलाके में फर्जी सीबीआई अधिकारी गिरफ्तार, फोन और आईडी कार्ड बरामद

Similar News