छठ पूजा पर दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त फैसला: प्रदूषण के चलते यमुना किनारे छठ पूजा पर रोक बरकरार, स्वास्थ्य सुरक्षा का दिया हवाला

Chhath Puja 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा करने की अनुमति देने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका (PIL) खारिज कर दी है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यमुना नदी का जल गंभीर रूप से प्रदूषित है और इसमें पूजा करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा हाल ही की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक व्यक्ति नदी में स्नान करने के बाद बीमार हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
छठ पूजा के लिए कितने स्थानों की हुई है व्यवस्था
अदालत ने कहा कि छठ पूजा के लिए लगभग 1,000 वैकल्पिक स्थान निर्धारित किए गए हैं, जहां पर सुरक्षित ढंग से पूजा की जा सकती है। दिल्ली सरकार की ओर से कोर्ट को सूचित किया गया कि इन जगहों पर पूरी तरह से पूजा की व्यवस्था की गई है। अदालत ने निर्देश देने से इनकार कर दिया और याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका का तर्क और कोर्ट की प्रतिक्रिया
यह याचिका पूर्वांचल नव निर्माण संस्थान द्वारा दायर की गई थी, जिसमें यमुना किनारे छठ पूजा की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि COVID-19 महामारी के दौरान पूजा की अनुमति नहीं दी गई थी, और अब फिर से पारंपरिक पूजा पद्धति पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।
जहरीले झाग से भक्तों की आस्था पर असर
मंगलवार को ‘नहाय खाय’ के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई, लेकिन यमुना नदी के किनारे कालिंदी कुंज इलाके में भक्तों की आस्था को जहरीले झाग ने प्रभावित किया। छठ पूजा के लिए जमा हुए भक्तों को यमुना में तैरते हुए जहरीले झाग ने दिल्ली की प्रदूषण समस्या की गंभीरता की याद दिलाई।
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