Fees Hike Issue: दिल्ली HC ने डीपीएस द्वारका को लगाई फटकार, कहा- 'स्कूल को बंद कर प्रिंसिपल पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए'

Delhi High Court: द्वारका के दिल्ली पब्लिक स्कूल में फीस को लेकर हुए विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि छात्रों के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया। ऐसे में स्कूल के प्रिंसिपल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए।;

Update: 2025-04-16 14:15 GMT
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दिल्ली हाईकोर्ट।
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School Fees Hike Case: दिल्ली हाईकोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) द्वारका को फटकार लगाई। डीपीएस स्कूल में छात्रों के साथ किए गए गलत व्यवहार पर कोर्ट ने कहा कि क्यों न डीपीएस स्कूल को बंद कर दिया जाए। बता दें कि स्कूल के छात्रों की ओर से याचिका दायर की गई थी। याचिका में बताया गया कि किस तरह से फीस ने देने पाने के चलते स्टूडेंट्स को लाइब्रेरी के अंदर बंद कर दिया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि स्कूल के प्रिंसिपल के ऊपर आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट में सुनवाई के दौरान बहुत से छात्र अपनी यूनिफॉर्म पहने हुए अभिभावकों के साथ मौजूद रहे। 

दिल्ली हाईकोर्ट ने क्या कहा?

आज यानी बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ताओं ने बताया कि स्कूल की फीस न भर पाने के चलते उन्हें क्लासरूम में भाग नहीं लेने दिया जा रहा है। इसके अलावा छात्रों को स्कूल की लाइब्रेरी में भी बंद कर दिया गया था। जस्टिस सचिन दत्ता ने स्कूल के इस व्यवहार को गलत बताते हुए कहा कि इस स्कूल को ही बंद कर देना चाहिए, जहां पर छात्रों के साथ प्रॉपर्टी जैसा व्यवहार किया जाता है।

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि स्कूल सिर्फ पैसा कमाने की मशीन की तरह का काम कर रहा है। साथ ही कोर्ट कहा कि ऐसे स्कूलों में छात्रों को प्रताड़ित होने से बचाने के लिए कुछ उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए। जस्टिस सचिन दत्ता ना कहा कि फीस न चुका पाने वाले छात्रों को ऐसे अपमानजनक व्यवहार करने का कोई अधिकार नहीं है।

अभिभावकों ने स्कूल पर लगाए आरोप

छात्रों के अभिभावकों ने डीपीएस द्वारका पर आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन ने अनधिकृत फीस का भुगतान नहीं किए जाने पर उनके बच्चों को परेशान किया। वहीं, छात्रों की ओर से पेश वकील ने कहा कि अभिभावक स्वीकृत फीस का भुगतान करने के लिए तैयार हैं, जबकि स्कूल की तरफ से पेश वकील ने कहा कि दिसंबर में छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बावजूद छात्र मार्च तक भी अपना बकाया फीस जमा नहीं कर पाए। इसके चलते उन्हें स्कूल न आने के लिए कहा गया था। बता दें कि हाईकोर्ट ने स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए कि सभी छात्रों को क्लास में एंट्री दी जाए। साथ ही उन्हें स्कूल की बाकी सुविधाओं से अलग न किया जाए।

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