Delhi Riots Case: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली दंगा मामले में आरोपी अब्दुल खालिद सैफी एवं सिफा-उर्र-रहमान की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस सुरेश कैत की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। दोनों आरोपियों को निचली अदालत ने पिछले साल जमानत देने से इन्कार कर दिया था। इस मामले में अब तक पांच आरोपपत्र दाखिल किए जा चुके हैं। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा था कि अब तक कितने चार्जशीट दाखिल किए गए हैं। इसके जवाब में दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा कि अब तक 4 पूरक चार्जशीट दाखिल किए गए हैं। 

कोर्ट ने पुलिस से पूछा आरोपियों की भूमिका

पिछले महीने 6 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से आरोपियों की भूमिका के बारे में पूछा था। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि साफ-साफ बताइए कि इन आरोपियों की दंगा में क्या भूमिका है। सुनवाई के दौरान अमित प्रसाद ने व्हाट्सऐप पर बातचीत और प्रदर्शन का भी जिक्र किया। इस पर कोर्ट ने कहा था कि वो जमानत याचिका पर पूरी चार्जशीट नहीं पढ़ने जा रही है। अगर वे प्रदर्शन कर रहे थे तो इसमें गलत क्या है। इस दौरान कोर्ट ने यह भी कहा था कि सुनवाई के लिए असिमित समय नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आप साफ बताईए की खालिफ सैफी की भूमिका क्या रही है। 

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8 आरोपियों जमानत याचिका पर नए सिरे हो रही सुनवाई

बता दें कि दिल्ली दंगा मामले से जुड़े 8 आरोपियों की जमानत याचिका हाईकोर्ट नए सिरे से सुनवाई कर रहा है। उनमें शरजील इमाम, खालिद सैफी, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, शादाब अहमद, अतहर खान, शिफा उर रहमान और सलीम खान शामिल हैं। इन आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर पर पहले से सुनवाई कर रहे जज जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल को मणिपुर हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाये जाने के बाद जस्टिस सुरेश कैत की बेंच सुनवाई कर रही है।