DUSU Election 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर उम्मीदवारों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि चुनाव लोकतंत्र का उत्सव होता है, ना कि मनी लॉउंड्रिंग का। दरअसल, इस चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवार प्रचार-प्रसार के लिए करोड़ों रुपये झोंक रहे हैं। लाखों पोस्टर छपवाए हैं, दिल्ली में जगह-जगह बोर्ड लगाए गए हैं। इसी को लेकर हाईकोर्ट सख्त हो चुका है।

उम्मीदवारों से वसूला जाए सफाई का खर्च- HC

हाईकोर्ट ने कहा कि इस चुनाव में पैसों की जितनी बर्बादी की जा रही है, इतना तो आम चुनाव में भी नहीं होता है। इसलिए मेरी सलाह है कि जब तक इन सभी पोस्टर और बोर्ड की सफाई नहीं कर दी जाती है, चुनाव नहीं कराए जाए। हाईकोर्ट ने चुनाव को स्थगित करने की सलाह दे दी है और यह भी कहा कि पोस्टर सफाई में जो खर्च आता है, उस रकम को उन उम्मीदवारों से वसूला जाए, जिसके नाम का पोस्टर चिपका है।

'युवाओं को करप्ट नहीं बनाना चाहिए'

दिल्ली हाईकोर्ट ने वीसी में दिल्ली पुलिस और आला अधिकारियों के साथ बैठक करके आदेश दिया है कि अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करें और यूनिवर्सिटी चुनाव में इस तरह पैसों की बर्बादी पर रोक लगाएं। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस मामले में सुनवाई की है, कोर्ट ने कहा कि सिस्टम के जरिए युवाओं को करप्ट नहीं बनाना चाहिए। क्या इसका कोई रिकॉर्ड है कि चुनाव में कितने पैसे खर्च किए जा रहे हैं।  

उम्मीदवारी भी हो सकती है रद्द

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक वकील ने हाईकोर्ट से कहा कि DUSU चुनाव के दौरान लगाए गए 16 हजार बोर्ड, दो हजार होर्डिंग और 2 लाख से ज्यादा पोस्टर हटाए जा चुके हैं। लिंगदोह कमेटी के अनुसार इस चुनाव में हरेक उम्मीदवार को सिर्फ 5 हजार रुपये ही खर्च कर सकता है। पोस्टर हाथ के बने लिखे ही हुए होने चाहिए, लेकिन यहां उम्मीदवार पैसों की बर्बादी कर रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि जो उम्मीदवार नियमों का उल्लंघन करता है, उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी जाए।

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