ओखला का वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट चालू: दिल्ली जल बोर्ड ने किया तैयार, 40 लाख लोगों को होगा फायदा

delhi jal board started wastewater treatment plant in okhla
X
दिल्ली जल बोर्ड मंत्री ने ओखला में वेस्टवॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पूरी तरह से शुरू किया।
Delhi Jal Board: दिल्ली के ओखला में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अब पूरी तरह से शुरू हो गया है। इसकी क्षमता प्रतिदिन 564 मिलियन लीटर पानी को साफ करने की है। इसकी मदद से लगभग 40 लाख लोगों को साफ पानी मिल सकेगा।

Delhi Jal Board: दिल्ली में ओखला के वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया है। इस प्लांट की क्षमता रोजाना 564 मिलियन लीटर पानी साफ करने की है। इसे दिल्ली जल बोर्ड द्वारा तैयार किया गया है। दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश वर्मा ने बताया कि ओखला के इस वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट से एनडीएमसी इलाके, सेंट्रल दिल्ली, पुरानी दिल्ली, साउथ दिल्ली इलाके के लगभग 40 लाख लोगों को फायदा मिलेगा। इसे सप्लाई किया जा सकता है। इसके अलावा इसे बागवानी आदि में भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

2024 से बागवानी के लिए हो रहा इस्तेमाल

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार यमुना को साफ करने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। दिल्ली के नालों को सीवेज मुक्त करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। ओखला एसटीपी प्रोजेक्ट नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा और दिल्ली जल बोर्ड का एक संयुक्त प्रयास है, जो 2017 में शुरू हुआ था। इस प्लांट से साफ किए गए पानी का इस्तेमाल जून 2024 से कई हिस्सों में बागवानी के लिए किया जा रहा है। बागवानी के लिए हर दिन लगभग 40 MLD पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।

ऊर्जा जरूरतों का आधा हिस्सा खुद तैयार कर रहा

दिल्ली सरकार द्वारा दिए गए एक बयान में कहा गया कि यह प्लांट स्लज बायोगैस से 4.8 मेगावाट ग्रीन एनर्जी पैदा करता है। रोजाना प्लांट में लगभग 10 मेगावाट ग्रीन एनर्जी की खपत होती है, इस तरह प्लांट अपनी ऊर्जा जरूरतों का आधा हिस्सा खुद ही पैदा कर लेता है, जो पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा है। इस प्लांट से निकलने वाला स्लज Class-A क्वालिटी का है, जिससे बदबू नहीं आती और बीमारियां भी नहीं फैलतीं। इसे जैविक खाद या मिट्टी कंडीशनर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

यमुना को साफ करने में मिलेगी मदद

प्रवेश वर्मा ने बताया कि ये प्लांट यमुना को साफ करने में भी मदद करेगा। इस प्लांट की मदद से साफ किया गया पानी यमुना में छोड़ा जाएगा। महारानी बाग और बारापुला जैसे नालों से आने वाले लगभग 132 एमएलडी सीवेज कचरे को यमुना में छोड़ने से पहले इस प्लांट में साफ किया जाएगा। इसकी मदद से यमुना में बिना साफ किए सीवेज का प्रवाह कम हो जाएगा।

नदी की गंदगी होगी कम

उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में साफ किए जा रहे पानी को पुरानी आगरा नहर में छोड़ा जाता है। जल्द इसे अबुल फजल नाले के जरिए ओखला बैराज के नीचे यमुना में डाला जाएगा। इसका निर्माण कार्य चल रहा है। यमुना को साफ करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। अलग-अलग तरीकों से पानी को साफ करके वापस नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नदी में गंदगी कम होगी और पानी साफ होगा।

ये भी पढ़ें: दिल्ली एम्स में रेफरल पोर्टल लॉन्च: आसानी से रेफर किए जा सकेंगे मरीज, ये सुविधाएं भी मिलेंगी

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story