Delhi Metro Advertisement: दिल्ली मेट्रो से आए दिन तरह-तरह के रील्स वायरल होते रहते हैं। किसी में कोई डांस कर रहा होता है, तो किसी में मारपीट की घटना देखने को मिलती है। लोग अपना चेहरा चमकाने और सोशल मीडिया पर फेमस होने के लिए दिल्ली मेट्रो में अजीबोगरीब हरकत करते दिखते हैं। इस कड़ी में दिल्ली मेट्रो का एक विज्ञापन पोस्टर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें 'ब्रेस्ट' कैंसर को लेकर महिलाओं को सतर्क किया गया है, लेकिन इस पोस्टर में जिस तरीके के 'एआई' फोटो का इस्तेमाल किया गया, इससे लोगों की भावना आहत हुई है।
इस पोस्टर में क्या लिखा है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो में लगे इस पोस्टर में महिलाओं के 'ब्रेस्ट' को ऑरेंज से दर्शाया गया है। इस एआई फोटो में देखा जा सकता है कि महिला ने अपने हाथ में संतरा ले रखा है और पास में भी कई संतरे रखे हुए हैं, जबकि कई महिलाओं को मेट्रो में बिठाया गया है। इस तस्वीर के नीचे लिखा है आप अपने हर महीने अपने संतरे की जांच जरूर कराएं। एक अन्य पोस्टर में लिखा है आपकी हेल्थ आपके हाथ में है, ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए अपने संतरे का जांच जरूर कराएं। मेट्रो में इस पोस्टर के लगने से लोगों ने आपत्ति जताई और सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया, जिसके बाद डीएमआरसी ने खुद एक्शन लिया है।
डीएमआरसी ने लिया एक्शन
बताया जा रहा है कि दिल्ली मेट्रो में ये पोस्टर यूवीकैन फाउंडेशन ने लगाया है। इस पोस्टर के आलोचकों का कहना है कि शरीर के किसी अंगों को दर्शाने के लिए फलों का उपयोग करना गलत है, यह ब्रेस्ट कैंसर की गंभीरता को भी कम करती है। इससे बीमारी से पीड़ित लोगों की गरिमा का अनादर किया जा रहा है। डीएमआरसी ने एक पोस्ट जारी कर कहा कि अधिकारियों ने सामग्री को अनुचित पाया और तुरंत मामले का गंभीर संज्ञान लिया। उक्त विज्ञापन केवल एक ट्रेन में प्रदर्शित पाया गया और बुधवार शाम लगभग 7:45 बजे इसे हटा दिया गया।
डीएमआरसी हमेशा जनता की भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहने का प्रयास करता है और किसी भी तरह के अभियान विज्ञापन को प्रोत्साहित नहीं करता है, जो अच्छे स्वाद में नहीं है या सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन के प्रचलित दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है। दिल्ली मेट्रो यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि अनुचित विज्ञापन की ऐसी घटनाएं उसके परिसर में न हों।
फाउंडेशन की ट्रस्टी ने किया बचाव
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, विज्ञापन देने वाली यूवीकैन फाउंडेशन की ट्रस्टी ने पोस्टर पर बवाल शुरू होने के बाद अपना बचाव करते हुए कहा कि उनकी संस्था ने 3 लाख महिलाओं को जागरूक करने का काम किया है, जबकि 1.5 लाख लोगों ने अपनी स्क्रीनिंग कराई है। अगर संतरों के जरिए ब्रेस्ट कैंसर को दर्शाने से लोगों की जिंदगी बचती है, तो यह सार्थक है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि भारत में लोग इन सभी चीजों को लेकर कुल कर बात करने में असहज महसूस करते हैं।
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