Delhi MLA Salary: दिल्ली विधानसभा में विधायकों ने डाटा एंट्री ऑपरेटर और विधायकों की सैलरी बढ़ाने की मांग की। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने सहमति जताई। इन मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली विधानसभा स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति की अध्यक्षता भाजपा विधायक अभय वर्मा करेंगे। इस समिति में अभय वर्मा के अलावा भाजपा विधायक सूर्य प्रकाश खत्री और पुनम शर्मा है। तो वहीं समिति में आम आम आदमी पार्टी के दो विधायक संजीव झा और विशेष रवि भी शामिल हैं। ये समिति 15 दिनों में अपना रिपोर्ट पेश करेगी।
दरअसल, बीजेपी विधायक सूर्य प्रकाश खत्री ने विधायकों के साथ रहने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की संख्या दो से चार करने और उनकी सैलरी बढ़ाने की मांग की। आप विधायक संजीव झा ने इसका समर्थन किया। साथ में विधायकों की सैलरी बढ़ाने की भी मांग की। सूर्य प्रकाश खत्री ने कहा कि अभी विधायकों को दो डाटा एंट्री ऑपरेटर रखने की व्यवस्था है। उन्हें 15-15 हजार रुपए वेतन मिलते हैं। दिल्ली में जनसंख्या बढ़ रही है। एक विधायक को काम करने के लिए उसके साथ कम से कम चार लोग होने चाहिए। ये लोग तो स्किल्ड कैटेगरी में आते हैं और उनका वेतन नियम के अनुसार 18 हजार से भी कम है। इसलिए हमारी मांग है कि इसे बढ़ाया जाए और यह प्रस्ताव पास हो।
आप ने किया समर्थन
तो वहीं आप विधायक संजीव झा ने इसका समर्थन करते हुए कहा कि मैं इस प्रस्ताव से सहमत हूं। डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की सैलरी बढ़नी चाहिए। हमने पिछले सदन में भी इसे लेकर आवाज उठाई थी। ये लोग हाइली स्किल्ड होते हैं और इसके अनुसार इनका वेतन 26 हजार से अधिक होना चाहिए। हमारी विधानसभा में ही चार लाख से ज्यादा लोग है और काम के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत होती है। इसलिए हम चाहते हैं कि इनकी संख्या दो से बढ़ाकर चार की जाए। दिल्ली के विधायकों की सैलरी भी देशभर में सबसे कम है। हम चाहते हैं कि देशभर के विधायकों की सैलरी का अध्ययन करके दिल्ली के विधायकों की भी सैलरी बढ़ाई जाए।
2023 में आखिरी बार बढ़ा था विधायकों की सैलरी
दिल्ली में आखिरी बार 2023 में केजरीवाल सरकार ने विधायकों की सैलरी बढ़ाई थी। तब विधायकों की सैलरी 66 फीसदी और मुख्यमंत्री और मंत्री की सैलरी 136 फीसदी बढ़ाई थी। वर्तमान में मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता प्रतिपक्ष को हर महीने सैलरी और भत्ते मिलाकर 1.70 लाख रुपये मिलते हैं जबकि विधायकों को 90 हजार रुपए मिलते हैं। इसके अलावा, विधायकों को 1,500 रुपये का डेली अलाउंस मिलता है लेकिन ये साल में सिर्फ 40 दिन का ही मिलता है।
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