Delhi MCD: दिल्ली में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में दिल्ली भाजपा की तरफ से एक बड़ा कदम उठाया गया है। दिल्ली भाजपा की मांग पर एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने फैक्ट्री लाइसेंस प्रक्रिया में बड़े सुधारों को मंजूरी दे दी है। अब औद्योगिक क्षेत्रों में एक ही मालिक द्वारा एक ही प्लॉट में फैक्ट्री चलाने के लिए अलग-अलग लाइसेंस नहीं लेना होगा। इतना ही नहीं औद्योगिक क्षेत्रों में किराये पर प्लॉट लेकर फैक्ट्री चलाने के लिए लाइसेंस के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी नहीं लेनी होगी। इसका सीधा फायदा 25 हजार लोगों को होगा।
फैक्ट्री लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार लागू
दिल्ली एमसीडी ने इसको लेकर एक बयान भी जारी किया है। इसमें बताया गया है कि एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार के निर्देश पर फैक्ट्री लाइसेंस प्रक्रिया में सुधारों को लागू कर दिया गया है। इससे फैक्ट्री परिसर की अलग-अलग मंजिलों पर उत्पादन का काम करने वाले फैक्ट्री मालिकों को राहत होगी। उन्हें फ्लोर अनुसार फैक्ट्री लाइसेंस की जरूरत वाली नीति को रीजनेबल बना दिया है।
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निगम के अनुसार, अगर एक प्लॉट का मालिक किसी औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लॉट पर एक जीएसटी नंबर लेकर चार अलग-अलग फैक्ट्री चला रहा है, तो ऐसे में उसे हर फैक्ट्री के लिए अलग-अलग लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं होगी। हालांकि अगर एक प्लॉट की अलग-अलग मंजिल पर फैक्ट्रियां चल रही हैं और उसके मालिक अलग हैं, तो अलग-अलग जीएसटी नंबर और अलग-अलग लाइसेंस लेना होगा।
दिल्ली सरकार से नहीं लेनी होगी एनओसी
पहले औद्योगिक भूखंडों पर किरायेदार और दूसरे अनुबंधों के आधार पर प्लॉट का इस्तेमाल करने वालों को फैक्ट्री का लाइसेंस के लिए दिल्ली सरकार से एनओसी लेनी होती थी, लेकिन अब बिना एनओसी के सिर्फ दस्तावेजों के आधार पर दिल्ली नगर निगम फैक्ट्री लाइसेंस जारी कर देगा। इसके लिए उनके पास दिल्ली प्रदूषण एवं नियंत्रण समिति और अग्निशमन विभाग का एनओसी होना बेहद जरूरी है। पहले DSIDC की अनुमति की जरूरत होती थी। एमसीडी एक्ट के अनुच्छेद 416/417 के तहत प्लॉट किरायेदारों को लाइसेंस दिया जाएगा।
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