Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उससे सटे एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले कई दिनों से खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। एयर क्वालिटी ज्यादा खराब होने पर यहां स्कूल-कॉलेज बंद करने पड़े। लेकिन वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने सोमवार को आदेश दिया कि दिल्ली-एनसीआर के सभी स्कूल कक्षा 12 तक 'हाइब्रिड' मोड में कक्षाएं संचालित करें। आयोग ने कहा कि प्राइमरी स्कूलों और एनसीआर के अन्य क्षेत्रों में सिर्फ ऑनलाइन क्लास चलाने के लिए पूरी क्षमता या साधन नहीं हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या दिए हैं निर्देश?
यह आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश के कुछ घंटों बाद आया है, जिसमें कोर्ट ने स्कूलों और कॉलेजों में फिजिकल क्लासेस फिर से शुरू करने पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने तर्क दिया कि कई छात्रों को स्कूल बंद होने से पोषण योजना से वंचित होना पड़ रहा है, क्योंकि उन्हें मिड-डे मील नहीं मिल रहा है। इसके अलावा कई छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के लिए आवश्यक उपकरण और सुविधाएं नहीं हैं।
GRAP-4 प्रतिबंध और AQI समीक्षा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार गिरावट नहीं देखी जाती, तब तक GRAP-4 प्रतिबंधों को GRAP-3 या GRAP-2 के स्तर पर कम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने आयोग से बुधवार तक AQI डेटा पेश करने का निर्देश दिया है, जिसके आधार पर आगे का फैसला लिया जाएगा।
निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और मजदूरों के लिए भत्ता
दिल्ली-एनसीआर में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सरकारों को निर्देश दिया कि वे मजदूरों और दैनिक वेतनभोगियों को सहायता प्रदान करें, जैसा कि नवंबर 2021 के एक आदेश में निर्देशित किया गया था।
हाइब्रिड मोड में बदलाव
- GRAP स्टेज 4: शुरू में नर्सरी से कक्षा 12 तक भौतिक कक्षाएं बंद कर दी गई थीं।
- संशोधन: CAQM ने 20 नवंबर को GRAP स्टेज 3 के तहत संशोधन कर कक्षा V तक के छात्रों के लिए फिजिकल कक्षाओं को बंद करने का आदेश दिया।
- हाइब्रिड मोड: अब छात्रों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प दिए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट की अपील
कोर्ट ने आयोग से GRAP स्टेज 4 के क्लॉज 5 और 8 और GRAP स्टेज 3 के क्लॉज 11 में ढील देने पर विचार करने को कहा। कोर्ट ने कहा- 'हम उन छात्रों के लिए चिंता कर रहे हैं जो स्कूल नहीं जा सकते। कई छात्रों को मिड-डे मील नहीं मिल रहा है, और उनके घरों में ऑनलाइन कक्षाओं के लिए साधन भी नहीं हैं। बच्चों के लिए घर और स्कूल की वायु गुणवत्ता में ज्यादा अंतर नहीं है।' एयर क्वालिटी और एजुकेशन के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट AQI के आधार पर प्रतिबंधों में संभावित ढील पर फैसला लेगा।