दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी: 21 बच्चियों को किया रेस्क्यू, दवाइयां और प्रेग्नेंसी किट बरामद

Delhi Police Rescued Minor Girls: दिल्ली पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के साथ मिलकर अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर 21 नाबालिग बच्चियों को बचाया है। पुलिस को मौके से नशे की दवाइयां, प्रेगनेंसी किट, दस्तावेज और 10 लाख रुपये से अधिक का कैश बरामद हुआ है। यह कार्रवाई एलजी विनय कुमार सक्सेना की अनुमति के बाद की गई है।
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को सूचना मिली थी कि दिल्ली में कई स्थानों पर नाबालिग बच्चियों से अनैतिक कार्य कराया जा रहा है। इस पर आयोग ने इस पूरे मामले से एलजी विनय सक्सेना को अवगत कराया। एलजी के आदेश पर दिल्ली पुलिस की विशेष टीम का गठन किया गया।
बाल अधिकारी संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगों ने एक्स पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी कि शकरपुर में पांच लड़कियों को रेस्क्यू किया गया है। वो मौके पर मौजूद हैं, वहां बच्चियों को कमरे से बाहर निकालने में 5 घंटे लग गए। उन्होंने कहा कि कोई भी कमरा नहीं खोल रहा था। ऐसे में दरवाजे का काटा गया। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए कहा कि दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर भी छापामारी चल रही है।
दिल्ली में 10 स्थानों पर आज @NCPCR_ द्वारा बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए कार्रवाई की जा रही है।इनमे से एक शकूरपुर इलाक़े में स्थानीय प्रशासन और पुलिस ताले खुलवाने के लिए ट्रेफिकर्स से मिन्नतें कर रहे हैं अंदर बच्चे बंद हैं।@DelhiPolice @LtGovDelhi pic.twitter.com/tTZGlZ9zMa
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (मोदी का परिवार) (@KanoongoPriyank) June 7, 2024
दस स्थानों पर कार्रवाई
प्रियांक कानूनगो ने बताया कि दस स्थानों पर कार्रवाई चल रही है। शकरपुर के अलावा सुभाष पैलेस, राजौर गार्डन और निहाल विहार में भी अभियान चल रहा है। मौके से दवाइयां, प्रेग्नेंसी किट, दस लाख रुपये और दस्तावेज बरामद किए गए हैं। ये बच्चे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य राज्यों से हैं। सभी रेस्क्यू की गई बच्चियों को बाल कल्याण समितियों को सौंप दिया गया है।
बचपन बचाओ आंदोलन ने की थी शिकायत
बचपन बचाओ आंदोलन ने इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को दी थी। बचपन बचाओ आंदोलन के निदेशक मनीष शर्मा का कहना है कि गरीब परिवार के बच्चों को सामाजिक सुरक्षा का हवाला देकर उन्हें बालश्रम में झोंक दिया जाता है। मौके से प्रेग्नेंसी किट का मिलना इस मामले की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसियों के खिलाफ सख्त नियमन की जरूरत है।
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