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Delhi Pollution Update: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आम आदमी पार्टी पर प्रदूषण नियंत्रण पर सिर्फ राजनीति करने का आरोप लगाया है।

Delhi Pollution Update: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए फिर से दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि पिछले कई दिनों से दिल्ली में एक्यूआई लगातार 400 के पार बना हुआ है, लेकिन दिल्ली सरकार के निकम्मेपन के कारण इस आंकड़े में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी खुद मानती हैं कि दिल्ली में प्रदूषण से लोग परेशान हैं, बीमार हो रहे हैं और उनके सारे उपाय फेल हो चुके हैं, लेकिन आतिशी कोई ठोस उपाय या योजना बनाने की कोशिश करने की बजाय दूसरे राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं का डेटा दिखा दिखा कर राजनीति खेल रहीं हैं।

'राजनीति करने में व्यस्त हैं केजरीवाल'

उन्होंने कहा कि सीएम आतिशी द्वारा ऐसी स्थिति को राष्ट्रीय मेडिकल इमरजेंसी डिक्लेयर करने की मांग बड़ी हास्यास्पद सी है। कोर्ट की डांट का भी कोई असर सरकार पर होता दिखाई नहीं दे रहा है। एनजीटी द्वारा एमसीडी की विफलताओं पर भारी जुर्माना लगाना सरकार की नाकामी बताने के लिए काफी है। गुप्ता ने कहा कि यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य की मुख्यमंत्री अपने सिस्टम को सुधारने की बजाय आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करने में व्यस्त हैं। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वायु की गुणवत्ता जांचने की प्रक्रिया यानी एक्यूआई 2015 में शुरू हुई थी।

'आप सरकार के सारे दावे फेल'

एक्यूआई सिस्टम आने के बाद इस साल का नवंबर का महीना अब तक का सबसे प्रदूषित नवंबर बन चुका है। अभी तक सबसे अधिक प्रदूषित नवंबर 2021 में रहा, तब औसत एक्यूआई 376.36 रहा था। जबकि 2024 में 1 से 23 नवंबर का औसत एक्यूआई 388.5 है। गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रण करने के सरकार के सारे दावे फेल हो चुके हैं। शहर में लगी एंटी स्मॉग गन बेकार हो चुकी है, जिसे आतिशी खुद स्वीकार कर चुकी हैं।

ऐसे में ये देखकर बहुत हैरानी होती है कि सरकार इसके बावजूद और एन्टी स्मॉग गन लगाने पर विचार कर रही है। गुप्ता ने कहा कि सरकार इस तरह के फौरी उपायों की घोषणा करके लोगों की आंखों में सिर्फ धूल ही झोंक रही है। उन्होंने सवाल किया कि जब पहले से लगी एन्टी स्मॉग गन काम नहीं कर रही तो ऐसे में और गन लगाने की क्या जरूरत है।

'रियल टाइम सोर्स अपोर्शमेंट एनालिस कर दी बंद'

नेता विपक्ष ने कहा कि सरकार को कई नए विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए और अपने बिगड़े हुए सिस्टम को दुरुस्त करना चाहिए। सरकार ग्रैप के नियम लागू करके चुप बैठी हुई है। लेकिन अन्य उपायों पर विचार नहीं कर रही है। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पिछले चार साल से रियल टाइम पॉल्यूशन सोर्स का पता लगाने वाली करीब तीन स्टडीज या तो रुकी हुई हैं या फिर बंद पड़े हैं। दिल्ली सरकार की रियल टाइम सोर्स अपोर्शमेंट एनालिस की व्यवस्था पिछले साल नवंबर से ही बंद पड़ी है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति इस लैब को दोबारा शुरू नहीं कर पा रही है।

विजेंद्र गुप्ता ने दी आतिशी को सलाह

ऐसे में एक्सपर्ट सवाल उठा रहे हैं कि प्रदूषण के लिहाज से नवंबर का महीना सबसे संवेदनशील महीना है और इस महीने में भी तैयारियों के मामले में सरकार बहुत पीछे नजर आ रही है। सरकार न तो पराली पर नियंत्रण कर पा रही है, न सड़कों की मरम्मत कर पा रही है, न उड़ती धूल को रोकने में कामयाब हो पा रही है, न ट्रैफिक जाम से निबट पा रही है और न ही सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को दुरुस्त कर पा रही है, ऐसे में प्रदूषण पर नियंत्रण भला कैसे पाया जा सकता है। विजेंद्र गुप्ता ने आतिशी को सलाह दी है कि वो आरोप प्रत्यारोप की राजनीति बंद करें और दिल्ली की 2 करोड़ जनता को इस प्रदूषण से राहत दिलाने के लिए वास्तविक और कारगर उपायों के बारे में अपने अधिकारियों से विचार विमर्श कर उन्हें लागू करवाएं।

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