Delhi Congress Target AAP: दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने राजधानी में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में प्रदूषण नियंत्रण की कोशिशों से संतुष्ट नही है। गंभीर प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली वाले स्वास्थ्य आपातकाल को झेल रहे हैं, जिससे सुप्रीम कोर्ट नाराज है। उन्होंने कहा कि हालात यह है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून (एनजीटी) ने स्ट्रोमवॉटर बारिश और उसके बाद यमुना नदी के प्रदूषण को रोकने में विफल रहने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) प्रत्येक पर 25 करोड़ रुपये का मुआवजा जुर्माना लगाया है।
10-12 वर्ष घट रहे हैं लोगों की उम्र
यादव ने कहा कि इससे चिंताजनक और अफसोस जनक क्या हो सकता है कि दिल्ली में लोगों की उम्र 10-12 वर्ष घट रही है। सुप्रीम कोर्ट के बार-बार चेतावनी के बावजूद आम आदमी पार्टी की पूर्व की केजरीवाल व वर्तमान की आतिशी सरकार प्रदूषण नियंत्रण में बुरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और भाजपा के 11 वर्षों के कुशासन और पर्यावरण के प्रति पूरी निष्क्रियता के कारण लोग 12 महीने प्रदूषण झेल रहे हैं। विशेषज्ञों अनुसार दिल्ली की हवा बेहद खराब हो चुकी है, लोगों को सांस लेने में तकलीफ महसूस हो रही है।
सालों पर प्रदूषण से परेशान रहते हैं लोग
उन्होंने कहा कि दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय प्रदूषण पर लगाम लगाने की बजाए साल के उन दिनों को गिनवाते हैं, जिस समय हवा साफ रहती है। जबकि राजधानी में 150-200 एक्यूआई औसतन पूरे साल बना ही रहता है। अगर 200 एक्यूआई में स्वच्छ हवा है तो वर्तमान में राजधानी में 900-1500 एक्यूआई स्तर की दूषित वायु दिल्ली वाले झेल रहे हैं, उसे क्या कहा जाएगा। दिल्ली के करोड़ों लोगों को आप सरकार ने प्रदूषण की आग में झोंक रखा है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि स्वच्छ हवा मिलने का हक दिल्ली नागरिकों का है, जो उन्हें मिलना चाहिए और निर्वाचित सरकार की जिम्मेदारी है, वो जनता के लिए कम से कम स्वच्छ वायु, जल मुहैया कराने के अपने दायित्व को निभाए।
गैस चैंबर बन चुकी है दिल्ली
उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्री गोपाल राय पर्यावरण शुद्ध रखने के लिए केवल पत्र लिखकर, प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ दिल्ली में प्रतिदिन बढ़ते प्रदूषण से अधिक प्रभावित हो रहे हैं। दिल्ली सरकार प्रदूषण प्रति बिल्कुल भी गंभीर नहीं है जिसके कारण प्रदूषण नियंत्रण और प्रबंधन में सरकार विफल साबित हुई है। यादव ने कहा कि गंभीर प्रदूषण के चलते राजधानी गैस चैंबर बन चुकी है, सांसों की तकलीफ पैदा होने के कारण दिल्ली में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बन चुकी है।
आज दिल्ली के हर घर में एंटी एलर्जिक दवाएं और नेबुलाईजर लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। वृद्धों और बच्चों के लिए डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है कि वो अपने घरों में ही रहे, बाहर का वातावरण अत्यंत प्रदूषित है। उन्होंने कहा कि गोपाल राय ने पानी का छिड़काव और स्मॉग गन को लॉच करके हर विधानसभा में दो गाड़ियां भेजी थी, परंतु वीआईपी क्षेत्रों में स्मॉग गन से पानी का छिड़काव कराते हुए फोटो खिंचवाकर अभियान शायद खत्म कर दिया। यही कारण है अनाधिकृत कालोनियों, भारी यातायात वाली सड़कों पर गंभीर से भी अधिक प्रदूषण का स्तर है। क्योंकि यहां तक पानी छिड़काव का पहुंचा ही नहीं।
ये भी पढ़ें:- प्रदूषण को लेकर परिवहन विभाग का आदेश: वाहनों में रंग-कोडित ईंधन स्टीकर अनिवार्य, नहीं तो किया जाएगा चालान