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Delhi Transport Department: दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में परिवहन विभाग ने गैरकानूनी ई-रिक्शा पर सख्त एक्शन लिया है। गैरकानूनी ई-रिक्शा को जब्त कर 7 दिनों में नष्ट कर दिया जाएगा।

Delhi Transport Department: दिल्ली में ऑटो-रिक्शा चालकों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। दिल्ली ऑटो यूनियन ने पहले तो कहा था कि यह हड़ताल 22 और 23 अगस्त को जारी रहेगा, लेकिन उन्होंने बाद में कहा कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जाती, हड़ताल जारी रहेगा। अब दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग ने गैरकानूनी ई-रिक्शा के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है। गैरकानूनी ई-रिक्शा मालिकों की अब खैर नहीं है। यह फैसला दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की अध्यक्षता में एक हाई लेवल बैठक के बाद लिया गया है।

पहले 90 दिनों का मिलता था समय

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर ई-रिक्शा के मालिक अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं, तो ऐसे वाहनों को गैरकानूनी माना जाएगा और ऐसे गैर-रजिस्टर्ड ई-रिक्शाओं को 7 दिनों के भीतर नष्ट कर दिया जाएगा। परिवहन मंत्रालय के इस फैसले से ई-रिक्शा मालिकों को करारा झटका लगा है। परिवहन मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि पहले इसके लिए 90 दिनों का समय दिया जाता था, ताकि गैरकानूनी ई-रिक्शा मालिक अपने वाहन का पंजीयन करा ले, लेकिन अब 90 दिनों को घटाकर 7 दिन कर दिया गया है।

इस महीने अभी तक 1077 ई-रिक्शा जब्त

अगर 7 दिनों के भीतर ई-रिक्शा मालिक ने अपने गैरकानूनी वाहन को कानूनी तरीके से नहीं छुड़ाया, तो परिवहन विभाग के पास इसे नष्ट करने का अधिकार होगा। गैरकानूनी ई-रिक्शा के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस सख्त एक्शन में है। सिर्फ अगस्त महीने में 21 अगस्त तक दिल्ली में कुल 1077 ई-रिक्शा जब्त कर लिए गए हैं। औसत देखें तो हर दिन करीब 50 ई-रिक्शा जब्त किया जा रहा है। अनुमानित आंकड़े बताता है कि दिल्ली में कुल 1.2 लाख पंजीकृत ई-रिक्शे हैं, इसके अलावा इतने ही गैरकानूनी ई-रिक्शे हैं।

'ट्रैफिक पुलिस हमसे हफ्ता वसूलते हैं'

जितने भी गैरकानूनी ई-रिक्शे हैं वह अपंजीकृत होते हैं, इस कारण से उनमें नंबर प्लेट नहीं लगे होते हैं। नंबर नहीं होने के कारण ट्रैफिक रुल तोड़ने के बाद भी उसका चालान कर पाना संभव नहीं होता है, ऐसे में अपंजीकृत ई-रिक्शा खुलकर नियमों का उल्लंघन करते हैं। जिन सड़कों पर उन्हें चलने की अनुमति नहीं होती है, गैरकानूनी ई-रिक्शे वहां भी तलते हैं, इससे ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ जैसा समस्या उत्पन्न होती है। हालांकि ई-रिक्शा चालकों का भी ट्रैफिक पुलिस पर आरोप है कि वे उनसे पैसे ऐंठते हैं। चालकों का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस हमसे हफ्ता वसूलते हैं, नहीं तो हमारी ई-रिक्शा को चलने नहीं देते हैं। 

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