Yamuna Pollution on Chhath 2024: यमुना नदी में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है, सफेद झाग के सैलाब से लोग परेशान हो रहे हैं। ऐसे में यमुना नदी में स्नान करने से गंभीर त्वचा रोग हो सकते हैं। इसी मामले को लेकर सर गंगाराम अस्पताल में वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.सी. भरीजा ने यमुना के प्रदूषित पानी में नहाने से स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ते खतरे को लेकर चेतावनी जारी की है। डॉ. भरीजा ने कहा कि यमुना के जल में औद्योगिक कचरे, भारी धातुओं और अलग-अलग रसायनों जैसे जहरीले पदार्थ पाए जाते हैं, जो त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
बिना कपड़ों के यमुना में न करें प्रवेश
डॉ. भरीजा के अनुसार, यमुना नदी के पानी में बिना कपड़ों के प्रवेश करने से त्वचा संबंधी परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कई मामलों में ये समस्याएं खुजली के रूप में शुरू होती हैं, लेकिन व्यक्ति की त्वचा की संवेदनशीलता के आधार पर इसकी गंभीरता बदल सकती है।
एलर्जी वाले लोगों के लिए अधिक खतरा
डॉ. भरीजा ने बताया कि जिन लोगों को पहले से ही एलर्जी की समस्या है, जैसे साबुन एलर्जी, उनके लिए यमुना के पानी में मौजूद रसायनों से तुरंत प्रतिक्रिया हो सकती है। इसीलिए उन्होंने सलाह दी कि लोग यमुना के पानी में सावधानी बरतें और इससे दूर रहने का प्रयास करें, खासकर उन दिनों में जब नदी का प्रदूषण स्तर अधिक हो। डॉ. भरीजा की इस चेतावनी के बाद स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी यमुना में प्रदूषण नियंत्रण की जरूरत पर जोर दिया है, जिससे नागरिकों की सेहत सुरक्षित रहे।
इसे भी पढ़ें: आज है छठ पर्व में नहाय-खाय का दिन, नोट करें पूजा समय, नियम और महत्त्व