DTC Bus Women Workers Strike: प्रदूषण से दिल्ली का बुरा हाल हो रहा है, इस परिस्थिति में लोगों को निजी वाहन को छोड़कर जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। दिल्ली के इस हालात में डीटीसी बस की महिला कर्मचारी हड़ताल पर बैठी हुई हैं। इससे दिल्ली के कई बस रूट प्रभावित हो रहे हैं। यह हड़ताल पिछले एक सप्ताह से जारी है। महिला कर्मचारियों ने पिछले शनिवार को धरना दिया था और अभी तक खुले आसमान के नीचे सोने के लिए मजबूर हो रही हैं। चलिए बताते हैं डीटीसी बस की महिला कर्मचारियों की सरकार से क्या मांगे हैं।

महिला कर्मचारियों की पहली मांग

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला कर्मचारी धरना देकर दिल्ली सरकार के समक्ष अपनी 2 मांगें रख रही हैं और उनका कहना है कि जब तक सरकार की ओर से हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन नहीं दिया जाता है, तब हम हड़ताल पर बैठे रहेंगे। महिला कर्मचारियों ने बताया कि डीटीसी बसों  में हम पिछले 15 साल से सेवा दे रहे हैं, लेकिन हमें डर है कि अब सरकार हमारी नौकरी छीन लेगी। हमें 15 साल के कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया था, अब हमारा कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने वाला है, लेकिन हमारी मांग है कि हमें 60 साल तक नौकरी की जाने की इजाजत दी जाए, अर्थात महिला कर्मचारी सरकार से पक्की नौकरी की मांग कर रही हैं।

महिला कर्मचारियों की दूसरी मांग

उन्होंने एक और मांग बताते हुए कहा कि हमें प्रति किलोमीटर के हिसाब से पैसा दिया जा रहा है, जो कि काफी गलत है। ज्वाइनिंग के समय तो हमसे कहा गया था कि हमें सिर्फ 15 किलोमीटर के दायरे में ही बसों के साथ जाना होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है, हमें बस में घंटों समय देना पड़ रहा है। इसलिए हमें एक फिक्स सैलरी दी जाए, ना कि प्रति किलोमीटर के हिसाब से दी जाए। एक कर्मचारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समान कार्य के लिए समान वेतन का आदेश दिया है, इसलिए हमें भी उचित वेतन दिया जाए। इन्हीं मांगों के साथ महिला कर्मचारी धरना दे रही हैं और मांग पूरी नहीं होने तक धरना पर रहने की बात कर रही हैं।

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