Delhi News: दिल्ली परिवहन निगम के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की नाराजगी एक बार फिर बढ़ गई है। एक महीने पहले मुख्यमंत्री आतिशी ने डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को लेकर जो घोषणाएं की थीं, उन पर अमल न होने के कारण डीटीसी कर्मचारी नाराज नजर आ रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि अगर इन घोषणाओं का अमल नहीं किया जाएगा, तो हम हड़ताल पर चले जाएंगे और इसके लिए हम दिल्ली सरकार को 30 दिसंबर तक का समय दे रहे हैं। 30 दिसंबर तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो हम सड़कों पर उतरेंगे। ऐसे में अगर कर्मचारी हड़ताल पर चले जाते हैं, तो बसों का संचालन बंद हो सकता है और इसका असर दिल्ली की डीटीसी में सफर करने वाले लगभग 41 लाख लोगों पर पड़ सकता है।
इलाकों में पोस्टर लगवाकर वाहवाही लूट रहे आप नेता
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने इस मामले को लेकर कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने 09 दिसंबर 2024 को प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और उन्होंने कर्मचारियों के वेलफेयर के लिए योजनाओं की घोषणा भी की थी। हालांकि अभी तक डीटीसी बोर्ड की बैठक नहीं बुलाई गई है। इसके कारण डीटीसी कर्मचारियों में नाराजगी है। उनका कहना है कि दिल्ली सरकार के वादे केवल पोस्टर और भाषण तक सीमित रह गए हैं। आम आदमी पार्टी के नेता इलाकों में पोस्टर लगवाकर वाहवाही लूट रहे हैं। हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और है। अगर 30 दिसंबर तक सरकार आदेश जारी नहीं करती है, तो डीटीसी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। दिल्ली की सड़कों पर बसों की रफ्तार थम जाएगी।
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पहले भी हड़ताल पर जा चुके हैं डीटीसी कर्मचारी
बता दें कि डीटीसी कर्मचारी पहले भी हड़ताल पर जा चुके हैं और इससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मामले में बस्तक्षेप करते हुए मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था। कर्मचारियों ने आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप कुमार से बात की। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी डीटीसी कर्मचारियों की मांग वाली फाइल पर काम नहीं कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर चल रहा हैशटैग
इसके बाद से दिल्ली परिवहन निगम के कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हैशटैग चला रहे हैं। #DTC_Release_Circular हैशटैग पर कई पोस्ट किए गए हैं। इन पोस्ट के जरिए कर्मचारियों की नाराजगी और उनकी मांगों को उजागर किया गया है। इस हैशटैग का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री आतिशी और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी सवाल किए गए हैं। कर्मचारी दिल्ली सरकार से सर्कुलर रिलीज करने का आग्रह कर रहे हैं। DTC कर्मचारियों का कहना है कि दिल्ली सरकार केवल चुनावी माहौल का फायदा उठा रही है और हमारी मांगों को नजरअंदाज कर रही है।
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कर्मचारियों को डर
बता दें कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर जनवरी के पहले हफ्ते में घोषणा की जा सकती है और फिर आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में कर्मचारियों को डर है कि अगर चुनाव की घोषणा से पहले मांगों को लेकर कदम नहीं उठाया गया तो उनकी मांगें लंबित हो जाएंगी। अगर दिल्ली सरकार चुनाव से पहले कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो आने वाले चुनाव में इसका असर देखने को मिल सकता है।
वहीं बड़ी बात ये भी है कि दिल्ली सरकार के परिवहन मंत्री रहे कैलाश गहलोत अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं और साथ ही पार्टी भी छोड़ चुके हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली सरकार अगर डीटीसी कर्मचारियों की सुनवाई नहीं करती है तो वे लोग हड़ताल पर जा सकते हैं। ऐसे में दिल्ली की बसों में सफर करने वाले 41 लाख से ज्यादा यात्रियों को दिक्कत हो सकती है।
दिल्ली के परिवहन विभाग के कर्मचारियों की चार प्रमुख मांगें
- उनकी पहली मांग है कि उनकी सैलेरी बढ़ाई जाए। डीटीसी कर्मचारियों ने दिल्ली सरकार से बेसिक डीए और ग्रेड पे की मांग की थी। इसके बाद सरकार ने सैलेरी बढ़ाने का वादा भी किया था लेकिन अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है।
- कर्मचारियों की दूसरी मांग है कि उन्हें मेडिकल सुविधाएं दी जाएं। डीटीसी कर्मचारियों को किसी तरह की मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है। उन्हें ईएसआई की भी सुविधा नहीं मिल रही है जिसके कारण उन्हें कई बार परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- डीटीसी कर्मचारियों की तीसरी मांग है कि पक्के कर्मचारियों की तरह उन्हें भी वीक ऑफ और अन्य छुट्टियों की सुविधा दी जाए। हालांकि अभी तक दिल्ली परिवहन निगम के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं मिल रही है।
- दिल्ली परिवहन निगम के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों की चौथी मांग है कि उन्हें उनके निवास स्थान के पास के डिपो में तैनाती दी जाए। इससे वे समय पर ड्यूटी के लिए पहुंच सकेंगे।
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