Cancer Fake Medicine: नकली कैंसर दवा मामले में पुलिस का एक्शन लगातार जारी है। अब इस मामले में ईडी ने भी एंट्री ले ली है। इस संबंध में ईडी ने दिल्ली-एनसीआर में कई जगह छापेमारी की है। ईडी ने 65 लाख रुपये नकद भी बरामद किए हैं। इससे पहले दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नकली दवा सप्लाई करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश करते हुए करोड़ों रुपये की दवाइयां जब्त की थी। इस मामले में पुलिस ने सरगनाओं, निर्माताओं, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं और फार्मासिस्टों सहित अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने कीमोथेरेपी की नकली दवा बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश इसी महीने मार्च में किया था। इस मामले में पहले दिल्ली के एक कैंसर अस्पताल के दो कर्मचारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके कुछ दिनों बाद ही पुलिस ने चार और लोगों को गिरफ्तार किया।
पहले सात लोगों को किया था गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने पहले जो सात लोगों को गिरफ्तार किया था। इनसे चार करोड़ कीमत की सात अंतर्राष्ट्रीय और दो भारतीय ब्रांड की कैंसर दवाएं बरामद हुई। इसके अलावा मशीनें व पैकेजिंग सामग्री आदि सामान जब्त की थी।
करोड़ों रुपये की कैंसर की नकली दवाएं बरामद
स्पेशल सीपी शालिनी सिंह के अनुसार, नकली कैंसर दवा के निर्माण और आपूर्ति में शामिल एक रैकेट के बारे में सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने इस रैकेट से जुड़ी जानकारियां जुटाई और चार अलग-अलग जगह पर रेड कर सात लोगों को पकड़ा जा सका। डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स, मोती नगर स्थित दो फ्लैट में नकली कैंसर की दवा बनाई जा रही थी। वहीं, गुरुग्राम साउथ सिटी के एक फ्लैट में नकली कैंसर इंजेक्शन और शीशियों का एक बड़ा स्टॉक रखा गया था।
पुलिस ने यमुना विहार स्थित एक प्रतिष्ठित कैंसर अस्पताल में काम करने वाले दो लोगों कोमल तिवारी और अभिनय कोहली को भी पकड़ा। दोनों पांच हजार रुपये प्रति शीशी की कीमत पर खाली शीशियां उपलब्ध करवाते थे। उनके पास से खाली शीशियां और पैकेजिंग सामग्री भी बरामद की गई। अन्य पांच आरोपियों के नाम विफिल जैन, सूरज शात, नीरज चौहान, परवेज और तुषार चौहान हैं।
इसके अलावा अन्य चार लोगों के नाम रोहित सिंह बिष्ट, जितेन्द्र, माजिद खान और साजिद बताए गए हैं। इनके 14 खातों को फ्रीज करवाया गया, जिनमें 92.81 लाख रुपये जमा थे।