ED U-turn on Satyendra Jain: आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत चल रही कार्यवाही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपना रुख बदलते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में निचली अदालत की कार्यवाही स्थगित करने की याचिका का समर्थन किया है। यह वही याचिका है, जिसका पिछले साल ED ने जोरदार विरोध किया था।
सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने जस्टिस विकास महाजन को बताया कि CBI द्वारा 3 जनवरी को दर्ज किए गए नए मामले और चार्जशीट दाखिल होने के बाद कई घटनाक्रम बदल गए हैं, जिसकी वजह से एजेंसी अब सत्येंद्र जैन की याचिका से सहमत है।
सत्येंद्र जैन की याचिका और ED का पिछला विरोध
सत्येंद्र जैन ने मई 2023 में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में एक याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही को स्थगित करने की मांग की थी। उनका तर्क था कि मामला अभी भी जांच के अधीन है और आरोप तय करने की प्रक्रिया को फिलहाल रोका जाना चाहिए। जैन के वकील ने यह भी बताया कि अपराध की आय (Proceeds of Crime) को लेकर अलग-अलग राय रही है और CBI ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (DA) के मामले में आगे जांच शुरू की है।
हालांकि, तब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस याचिका का कड़ा विरोध किया था। ED ने अदालत में दलील दी थी कि सत्येंद्र जैन का आवेदन कानूनी प्रक्रिया का 'दुरुपयोग' है और यह मुकदमे को आगे बढ़ने से रोकने की 'सोची-समझी कोशिश' है। इसके बाद विशेष अदालत (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम) के जज राकेश स्याल ने 4 सितंबर 2023 को ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित करने की मांग को खारिज कर दिया था।
अब ED ने क्यों बदला अपना रुख?
सत्येंद्र जैन ने पिछले साल नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इस पर सोमवार को सुनवाई के दौरान ED ने अदालत में कहा कि कुछ नए तथ्य सामने आए हैं, जिसके कारण वह अब जैन की याचिका से सहमत है। ED के वकील जोहेब हुसैन ने बताया कि CBI द्वारा जांच किए जाने के बाद सत्येंद्र जैन की कथित 'आय से अधिक संपत्ति' की राशि 1.47 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 3.95 करोड़ रुपये हो गई है।
उन्होंने कहा कि हमारी (ED की) ओरिजिनल अभियोजन शिकायत (PC) 1.47 करोड़ रुपये के अपराध पर आधारित थी। अब CBI की जांच के बाद यह राशि बढ़ चुकी है। हम हाईकोर्ट से यह नहीं कह रहे कि आरोपों को खारिज कर दिया जाए, बल्कि हम सिर्फ यह मांग कर रहे हैं कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक आरोप तय करने की प्रक्रिया को स्थगित कर दिया जाए।
सत्येंद्र जैन का पक्ष
इस सुनवाई के दौरान सत्येंद्र जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन ने कहा कि वे ईडी के इस नए रुख पर अपना जवाब दाखिल करना चाहते हैं। उन्होंने कोर्ट से इसके लिए समय मांगा। अब दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई में फैसला करेगी कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित की जाएगी या नहीं।
क्या है पूरा मामला?
1. मनी लॉन्ड्रिंग केस
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। आरोप है कि जैन ने अपनी कथित बेनामी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये की हेराफेरी की। यह मामला 2015-16 के दौरान किए गए संदिग्ध लेन-देन से जुड़ा हुआ है।
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2. सीबीआई की जांच और नई चार्जशीट
सीबीआई ने सत्येंद्र जैन पर आय से अधिक संपत्ति (Disproportionate Assets) रखने के मामले में भी जांच शुरू की थी। पहले इस मामले में 1.47 करोड़ रुपये की संपत्ति का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब बढ़ाकर 3.95 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वहीं, 3 जनवरी 2024 को सीबीआई ने एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिससे यह मामला और मजबूत हो गया
3. जैन की गिरफ्तारी और जमानत
ED ने मई 2022 में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था। करीब 8 महीने जेल में रहने के बाद, फरवरी 2023 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली थी।
अब आगे क्या?
हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई में तय होगा कि ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही स्थगित होगी या नहीं। अगर कार्यवाही स्थगित होती है, तो जैन को थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन सीबीआई की नई चार्जशीट के बाद उनके लिए कानूनी लड़ाई और कठिन हो सकती है। ईडी और सीबीआई की जांच पूरी होने के बाद, इस मामले में बड़ा फैसला आ सकता है।