Delhi Elections 2025: दिल्ली में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच चुनाव सूची को लेकर विवाद चल रहा है। चुनाव आयोग ने दिल्ली में मतदाता सूची से नाम हटवाने या घुसपैठियों के नाम सूची में जोड़ने को लेकर आए शिकायतों पर संज्ञान लिया है। दिल्ली मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने फैसला किया है कि चुनाव अधिकारी खुद जाकर उन जगहों पर जांच करेंगे, जिस जगह से ज्यादा संख्या में मतदाता सूची से वोटर्स के नाम हटवाने के लिए आवेदन आए हैं। वोटर लिस्ट से नाम हटवाने के लिए आए आवेदनों का निपटारा करने के लिए 24 दिसंबर तक का लक्ष्य रखा गया है।

आप ने लगाया था बीजेपी पर आरोप

आप के प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर शिकायत करते हुए आपत्ति जताई थी कि बीजेपी के द्वारा बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से वैध मतदाताओं के नाम हटवाए जा रहे हैं। जबकि बीजपी का कहना है कि दिल्ली की मतदाता सूची से अवैध प्रवासियों के नाम हटाए जाएं। इन शिकायतों को देखते हुए चुनाव आयोग ने अधिकारियों को मतदाता सूची के प्रावधानों और दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए कहा है।

बता दें कि दिल्ली में मुख्य चुनाव निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के अनुसार, दिल्ली में वोटर समरी रिवीजन का काम 29 अक्टूबर को शुरू हुआ था। उस समय ड्राफ्ट मतदाता सूची में 1.53 करोड़ से अधिक मतदाता थे, जिसके बाद 28 नवंबर तक वोटर्स का नाम जुड़वाने, हटवाने या फिर अपडेट करवाने का मौका दिया गया था। आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान चुनाव आयोग को 2.67 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं।

चुनाव अधिकारी मौके पर जाकर करेंगे जांच

राजनीतिक दलों की शिकायतों के बाद चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि चुनाव अधिकारी मौके जाकर जांच करेंगे। अधिकारी ने कहा कि ऐसा पोलिंग स्टेशन जहां पर मौजूद कुल मतदाताओं की संख्या के 2 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के नाम हटवाने के आवेदन आए हैं, वहां अधिकारी खुद जाकर जांच करेंगे। इसके साथ ही अगर किसी एक ही व्यक्ति के द्वारा पांच से अधिक लोगों के नाम हटवाने के आवेदन दिए हैं, वहां भी जांच के लिए चुनाव अधिकारी जाएंगे।

दिल्ली चुनाव कार्यालय को यह भी आदेश दिया गया है कि 24 दिसंबर तक आवेदनों का निपटारा कर लिया जाए और उसकी सूची दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी की वेबसाइट पर अपलोड किया जाए। इस प्रक्रिया के द्वारा चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि मतदाता सूची से फर्जी वोटरों की संख्या कम से कम की जाए और वैध मतदाताओं को नाम कटने से बचाए जाए।

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