Delhi Electricity Demand: दिल्ली में बिजली की मांग ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया है। सोमवार को दिल्ली वालों ने 5800 मेगावाट से ज्यादा उच्चतम बिजली खपत की। स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर दिल्ली (SLDC) पर दर्ज आंकड़ों के अनुसार, सुबह 10.52 बजे दिल्ली में बिजली की मांग उच्चतम मांग 5816 मेगावाट पहुंच गई, जबकि सर्दियों के मौसम में दिल्ली में यह अब तक की बिजली की सर्वाधिक मांग है।
बीएसईएस ने दी जानकारी
इस बारे में बीएसईएस के प्रवक्ता सी पी कामत ने बताया कि बिजली की सर्वाधिक मांग के बावजूद उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति की गई। कामत के अनुसार, बीएसईएस की आपूर्ति इकाई बीआरपील क्षेत्र में बिजली की मांग 2526 मेगावाट रही, जबकि बीवाईपीएल क्षेत्र में बिजली की मांग 1209 मेगावाट दर्ज की गई। उन्होंने बताया कि इससे पहले, सर्दियों में बिजली की मांग का पिछला रिकॉर्ड तीन दिन पहले यानी 19 जनवरी, 2024 को बना था, जब मांग 5798 मेगावाट पहुंची थी, जबकि इससे पहले 17 मार्च को भी पीक डिमांड 5726 मेगावाट दर्ज हुई।
जनवरी में प्रतिदिन इनती मांग
वहीं, 12 जनवरी को बिजली की मांग ने रेकॉर्ड 5701 मेगावाट के आंकड़े को छुआ था। कामत ने बताया कि अगर 2 जनवरी, 2024 का दिन छोड़ दें, तो इस साल अब तक बिजली की मांग लगातार 5000 मेगावाट से ऊपर ही रही है। इसमें 1 जनवरी को दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 5134 मेगावाट थी, 2 जनवरी को 4910 मेगावाट, 3 जनवरी को 5257 मेगावाट, 4 जनवरी को 5241 मेगावाट और 5 जनवरी को यह 5559 मेगावाट पहुंच गई। 6 जनवरी को यहां बिजली की पीक डिमांड 5137 मेगावाट थी, 7 जनवरी को 5106 मेगावाट, 8 जनवरी को 5337 मेगावाट, 9 जनवरी को 5435 मेगावाट और 10 जनवरी को यहां बिजली की मांग 5611 मेगावाट दर्ज की गई। 11 जनवरी को शहर में बिजली की मांग 5422 मेगावाट रही, जबकि 12 जनवरी को 5701 मेगावाट, 13 जनवरी को 5335 मेगावाट, 14 जनवरी को 5463 मेगावाट, 15 जनवरी को 5478 मेगावाट, 16 जनवरी को 5434 मेगावाट, 17 जनवरी को 5726 मेगावाट और 18 जनवरी को यह 5463 मेगावाट रही। 19 जनवरी को बिजली की मांग 5798 मेगावाट, 20 जनवरी को 5492 मेगावाट, 21 जनवरी को 5522 मेगावाट और 22 जनवरी को 5816 मेगावाट रही।
सर्दियों में बिजली की बढ़ी मांग
कामत ने बताया कि दिल्ली में पिछले वर्षों के दौरान सर्दियों की पीक पावर डिमांड की बात करें, तो 2018-19 में यह 4457 मेगावाट थी, 2019-20 में 5343 मेगावाट, 2020-21 में 5021 मेगावाट, 2021-22 में 5104 मेगावाट और 2022-23 में यह 5526 मेगावाट रही। वहीं, दूसरी तरफ निजी आपूर्ति बिजली कंपनी टाटा पावर डीडीएल का भी कहना है कि सर्वोच्च मांग के बावजूद बिजली आपूर्ति निर्बाध जारी रही।